
हरिपथ– बेलगहना/कोरबा -हरदी बाजार के नजदीक स्थित ग्राम मुढा़ली में आयोजित गुरुपूजा रामचरितमानस सम्मेलन में स्वामी शिवानंद महाराज बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इससे पहले ग्रामीणों ने हर्षोल्लास के साथ स्वामी शिवानन्द का भव्य स्वागत किर्तन मंडली एवं पारम्परिक कर्मा नृत्य से किया गया।

स्वामी शिवानंद ने कहा की इस संशय, नास्तिकता, अभिमान और अहंकार के युग में एक योग -.गुरूभक्तियोग है। यह योग अदभुत है। इसकी शक्ति असीम है। इसका प्रभाव अमोघ है। इसकी महत्ता अवर्णनीय है। इस युग के लिए उपयोगी इस गुर भक्ति के द्वारा आप इस हाड़-चाम के पार्थिव देह में रहते हुए ईश्वर के प्रत्यक्ष दर्शन कर सकते हैं। इसी जीवन में आप उन्हें अपने साथ विचरण करते हुए निहार सकते हैं।
साधना का बड़ा दुश्मन रजोगुणी अहंकार है। अभिमान को निर्मूल करने के लिए एवं विषमय अहंकार को पिघलाने के लिए गुरूभक्तियोग उत्तम और सबसे अधिक सचोट साधनमार्ग है। जिस प्रकार किसी रोग के विषाणु निर्मूल करने के लिए कोई विशेष प्रकार की जन्तुनाशक दवाई आवश्यक है उसी प्रकार अविद्या और अहंकार के नाश के लिए गुरूभक्तियोग सबसे अधिक प्रभावशाली, अमूल्य और निश्चित प्रकार का उपचार है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या श्रद्धालु उपस्थित रहे।