
हरिपथ:लोरमी– नगर में उपकोषालय सब ट्रेजरी ऑफिस खोले जाने की मांग अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव को ज्ञापन देकर मांग किया है। उपकोषालय खोले जाने को लेकर अधिवक्ता विगत सात वर्षों से संघर्षरत है, जिसमें बताया गया है, कि अनुसूचित जाति जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र लोरमी में सन 1982 में तहसील कार्यालय की स्थापना हुई उसके बाद 1984 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय की स्थापना की गई, उसके लंबे अंतराल लगभग 25 वषार् बाद लोरमी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना की गई।

ज्ञात हो कि उक्त मांग विगत 7 साल से अधूरी है, जबकि उक्त कार्यालय खोलने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दी थी और इस संबंध में शासन से तत्कालीन कलेक्टर को पत्राचार किया गया था। कलेक्टर ने जिला कोषालय अधिकारी को उक्त मांग के संबंध में आदेश जारी किया उसके बाद से इस मांग की फाइल धूल खा रही है। अब इस मांग को लेकर अधिवक्ता संघ ने फिर से शासन का ध्यान आकृष्ट कराया है।
त्वरित सुविधा की दिशा में नए शासकीय कार्यालय की स्थापना नहीं हुई है। लोरमी में उपकोषालय नहीं होने के कारण क्षेत्र के रहवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। न्यायालय के कायोंर् में भी टिकट की पूर्ति मुंगेली जिला कोषालय से होने के कारण अधिक समय लगता है।


मांग की दरकिनार-प्रशासनिक पत्राचार में उलझी रही मांग, जो अब तक अधूरी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने बताया कि सन 2018 में विकास यात्रा के दौरान प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं अन्य मंत्रीगणों एवं मुंगेली कलेक्टर को उपकोषालय खोले जाने के संबंध में ज्ञापन दिया गया था। ज्ञापन सौंपे जाने के बाद इस मांग को शासन ने संज्ञान में लिया और मुख्यमंत्री सचिवालय ने 5 मार्च 2019 को छत्तीसगढ़ शासन के अवर मुख्य सचिव को उक्त मांग के संबंध में कार्यवाही करने के लिए पत्राचार किया। उसके बाद कलेक्टर ने जिला कोषालय अधिकारी को पत्राचार कर अभिमत मांगा था, लेकिन जिला कोषालय अधिकारी ने शुरू में अभिमत नहीं दिया,

दोबारा शासकीय पत्राचार के बाद जिला कोषालय अधिकारी ने कलेक्टर को लिखित में बताया कि उपकोषालय खोले जाने के संबंध में शासन से कोई निर्देश नहीं आया है, तब से लोरमी की यह प्रमुख मांग फाइलों में दम तोड़ रही है, जबकि यह शासन के ही कायर् के लिए बहुत ही उपयोगी है। तत्कालीन प्रशासन की उदासीनता के चलते उस समय की मांग जो अब तक अधूरी है, अब इसको लेकर अधिवक्ता संघ ने डिप्टी सीएम अरुण साव को मांग पत्र फिर से सौंपा है।

पुराने बीईओ ऑफिस भवन को उपकोषालय के लिए चिन्हांकित कर नगर में उपकोषालय खोले जाने के संबंध में औपचारिक तैयारी भी की गई थी, अधिवक्ता संघ के द्वारा प्रशासन से अनुमति लेने के बाद बताया था कि पुराना प्राथमिक शाला भवन जिसमे बीईओ कार्यालय संचालित था, जो खाली हो चुका है, उसमें उपकोषालय कार्यालय खोला जा सकता है। उक्त भवन थाने से लगा हुआ है इसलिए सुरक्षित भी रहेगा, लेकिन यह मांग अब तक धरी की धरी रह गई है।