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एटीआरः बजट आवंटन ने रोका बिरारपानी, छिरहट्टा एवँ तिलाईडबरा के 171 परिवार का विस्थापन…

हरिपथ मुंगेली/लोरमी– 11 सितंबर अचानकमार टाइगर रिजर्व में 19 गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया कई वर्षों से चल रही है, जिसमें से तीन गांव का विस्थापन लोरमी वनक्षेत्र के ग्राम जोगीपुर और भरतपुर में करने का काम शुरु कर दिया गया है, यह प्रक्रिया वन विभाग ने पूरी कर ली गई है, लेकिन बजट आबंटन ने इस काम को रोक दिया है।

पूर्व राज्य सरकार ने ग्रामीणों को विस्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपए से अधिक राशि का बजट प्रस्ताव बनाया, लेकिन बाद में यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई। एक बार फिर तीनों गांव बिरारपानी, छिरहट्टा और तिलईडबरा के ग्रामीणों के विस्थापित की योजना शुरु कर दी गई है, जिनके 171 परिवार के लिए मुंगेली के जोगीपुर और भरतपुर में 255.300 हेक्टेयर जगह चिन्हांकित की गई है। इन 171 परिवार में से प्रत्येक परिवार के एक-एक सदस्य को 15-15 लाख रुपए की राशि दी जानी है। इन परिवार के अगर कोई सदस्य राशि लेना नहीं चाहते हैं तो उस सदस्य को 3 एकड़ जमीन के साथ आवास भी बनाकर देने का निर्णय लिया गया है। इन सभी परिवारों के लिए मुंगेली वन मंडल क्षेत्र में जगह चिन्हांकित करने के बाद पहले चरण में पेड़ों की कटाई करने के बाद लैंड डायवर्सन के साथ अन्य कार्य पूरा कर लिया गया है।

111 परिवारों को मिलना है आवास प्रबंधन के अनुसार लोरमी  के भरतपुर में बिरारपानी और छिरहट्टा के ग्रामीणों को और सावतपुर में तिलईडबरा के ग्रामीणों को विस्थापन करने का कार्य किया जाएगा। इसमें 133 परिवार हैं, जिसमें से 15 लोगों ने आप्शन वन के तहत 15 लाख रुपए की मांग की है। वहीं 111 परिवार मकान, खेत व अन्य सुविधाएं लेना चाहते हैं। इसमें प्रति परिवार के एक सदस्य को को 23 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी।

कुछ समय पहले मुंगेली कलेक्टर ने कार्यो का अवलोकन किया था।

16 गांवों का विस्थापन बाकी पिछले कई सालों से तीन गांव बिरारपानी,छिरहट्टा और तिलईडबरा के विस्थापन की प्रक्रिया अब तक समाप्त नहीं हुई है। इन तीन गांव सहित कोर जोन में अचानकमार, बिंदावल, सारसडोल, छपरवा, लमनी, अतरियाखार, रंजकी, सुरही, अतरिया, बम्हनी, कटामी, जांकडबांधा, निवासखार, महामाई, डंगनिया और राजक एवं बफर जोन में जमुनाही, बोईरहा, पटपरहा, चकदा व सिवलखार आदि शामिल है।

6 गांव की प्रक्रिया खुड़िया व पुडु में 16 गांव के विस्थापन की प्रक्रिया बाकी है। 6 गांव रंजकी, चिरहट्टा, विरारपानी, तिराईडबरा के परिवारों को खुड़िया में और अचानकमार, सारडोल के परिवारों का विस्थापन पुड् में करने के लिए जमीन देखी जा रही है।

मुंगेली डीएफओ अभिनव कुमार – ने कहा कि एटीआर के तीन गांव का विस्थापन मुंगेली वन मंडल के जोगीपुर और भरतपुर में किया जाना है, जो वन भूमि ही है। यहां लैंड डायवर्सन के अलावा उनके लिए किस तरह का घर बनाया जाना है उसके मॉडल और डिजाइन भी बना लिए गए है। करीब 111 परिवार है, जिन्हें मकान दिया जाना है। यह कार्य अभी बजट आवंटित नहीं होने के कारण रूका हुआ है।

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