पार्थिव शिवलिंग पूजन: शिव की महिमा अनंत अपार- स्वामी शिवानन्द..

हरिपथ–बेलगहना-2 अगस्त बरपाली के नन्देश्वर आश्रम में स्वामी स्वामी शिवानंद महाराज के द्वारा भगवान भोलेनाथ जी का रुद्राभिषेक किया गया। स्वामी सदानंद परमहंस महाराज जी के प्रिय शिष्य स्वामी शिवानंद महाराज जी का रुद्राभिषेक कार्यक्रम पर प्रातः 9.00 बजे नन्देश्वर आश्रम बरपाली पहुँच कर सर्वप्रथम रामकुटी में चरण पादुका पूजा किए,तत्पश्चात भगवान भूतभावन भोलेनाथ जी की जलाभिषेक किए। पूज्य स्वामी जी के द्वारा 33 आश्रमों का संचालन किया जा रहा है।

उन्ही आश्रमो में से एक नन्देश्वर आश्रम बरपाली भी है,ब्रम्हमलीन स्वामी सदानंद महाराज जी की पावन धूलि से देवभूमि बना ग्राम बरपाली के प्राचीन तालाब के टत पर बसा यह आश्रम क्षेत्रावासियों के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है । यहाँ भूमि खनन से मुर्तियों का अवशेष प्राप्त होता है।इस गांव का नाम भगवान शिव एवं माता पार्वती के नाम पर पड़ा है कहा जाता है की माता पार्वती तपस्या कर भगवान शिव को बर रूप में पाया था इसी लिए बरपाली नाम पड़ा और ये भी कहा जाता है की भगवान शिव जी का नंदी बैल का मुख्य स्थान है इसी शिवकुंड तालाब में नंदी जी पानी पिया करते थे।इस कार्यक्रम में अपनी अपनी मनोरथ पूर्ण करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।


स्वामी शिवानंद महराज ने अपने अमृतवचन में कहा की भगवान शिव की महिमा अनंत और अपार है। उनकी महिमा का गायन कोई नहीं कर सकता। भगवान सदाशिव भोलेनाथ की महिमा का विस्तृत वर्णन शिव पुराण में मिलता है किन्तु महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में कोई भी ऐसा पौराणिक ग्रंथ नहीं है जिसमें भगवान शिव की महिमा से संबंधित कोई प्रसंग उपस्थित न हुआ हो। पूजन होने के पश्चात पार्थिव शिवलिंग का माँ अर्पणा नदी में विसर्जन बड़ी ही धूम धाम से किया गया ।उसके बाद भंडारे में सभी श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण किये।
इस शुभ अवसर पर सभी आश्रमों में से श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे, जिनमे गणेशपुरी करिआम आश्रम,सत्कर्म कूटी आश्रम सेमरी,हनुमानगढ़ी आश्रम कुरुवार,अपर्णा गंगा आश्रम सोनसाय नवागाँव, श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर लोरमी,कोंचरा आश्रम एवं सेवा समिति से सदस्य उपस्थित रहे।