भिलाई मैत्री बाग के सांभर एटीआर में छोड़े जाएंगे..
सांभर के बदले कानन पेण्डारी जू से दिए जाएंगे मगरमच्छ व कोटरी
हरिपथ – बिलासपुर /लोरमी- 26 सितंबर भिलाई के मैत्री बाग के सांभर अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़े जाएंगे। एटीआर प्रबंधन ने इसके लिए मैत्री बाग प्रबंधन से चर्चा कर ली है। मैत्री बाग से 20 सांभर लाने के बाद कानन पेण्डारी जू से बदले; छपरवा में एक में मगरमच्छ और कोटरी अलग बाड़ा दिए जाएंगे।
सभी तैयार कर लिया गया जानकारी के अनुसार पूर्व में जंगल सफारी रायपुर से 50 से अधिक चीतल एटीआर में लाए गए थे। इसके लिए प्रबंधन ने छपरवा में एक अलग बाड़ा भी तैयार कर लिया है। इसके साथ ही अब एटीआर प्रबंधन ने सांभर को जंगल में लाने की तैयारी शुरु कर दी है। ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब टाइगर रिजर्व के लिए जू प्रबंधन के बीच वन्यप्राणियों की अदला-बदली के लिए | समझौता हुआ है। अचानकमार टाइगर रिजर्व में सांभर की संख्या कम है।
कानन पेण्डारी जू भी अब एटीआर बायोस्फेयर में शामिल हो गया है। कानन जू से मगरमच्छ और कोटरी की मांग पहले मैत्री बाग जू प्रबंधन की ओर से की गई थी, जिसके लिए कानन प्रबंधन ने सहमति दे दी। दोनों प्रजाति की कानन पेण्डारी जू में पर्याप्त संख्या है। मैत्री बाग प्रबंधन और कानन जू प्रबंधन के आपसी चर्चा के बाद केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण सीजेडए ने भी इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
जरूरी है एनटीसीए की अनुमति-एटीआर प्रबंधन के अनुसार चिड़ियाघर की कमान केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के पास और टाइगर रिजर्व का संचालन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए के दिशा निर्देश पर किया जाता है। कानन प्रबंधन एटीआर में 20 सांभर को छोड़ने के लिए एनटीसीए से अनुमति की मांग करेगी। एनटीसीए की स्वीकृति मिलते ही वन्यप्राणियों के अदला-बदली की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
मगरमच्छ की संख्या हो जाएगी आठ-वर्तमान में कानन पेण्डारी जू में मगरमच्छ की संख्या 10 है। मैत्री बाग भिलाई को 2 मगरमच्छ देने के बाद संख्या घटकर 8 हो जाएगी। इसी तरह कोटरी की संख्या 30 है, जिसमें चार देने के बाद कोटरी 26 की संख्या में आ जाएंगे। सीजेडए की गाइड लाइन के अनुसार दोनों प्रजातियों की संख्या पर्याप्त होगी।
बाघों की संख्या बढ़ाने की योजना-गणेश यूआर डिप्टी डायरेक्टर, एटीआर ने बताया अचानकमार टाइगर रिजर्व में मैत्री बाग से सांभर लाया जाना है। भविष्य में बाघों की संख्या बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। कानन जू से मैत्री बाग में मगरमच्छ और कोटरी देने के लिए सीजेडए ने अनुमति दे दी है। इसके लिए एनटीसीए से भी अनुमति ली जाएगी, जिसके बाद ही 20 सांभर को एटीआर में लाकर छोड़ा जाएगा।