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चिल्हर की किल्लत : सिक्कों की कमी के चलते व्यापार हो रहा प्रभावित, बैंक भी खामोश, आम लोग व व्यापारी वर्ग परेशान…

हरिपथ, सरायपाली-(सौरभ सतपथी) नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों फिर चिल्हर 10 रुपए के नोट की गुणवत्ता बेहद खराब होते जा रहे है! सिक्कों व नोट की समस्या उत्पन्न हो गई है। छोटे से लेकर बड़े व्यापारी तक सिक्कों की कमी से परेशान है। सिक्कों की कमी के चलते व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में व्यापारी संस्था कैट द्वारा भी चिल्हर उपलब्ध कराने पत्र लिखा गया था तो वहीं संगम सेवा समिति द्वारा भी व्यापारियों को सिक्के उपलब्ध कराती थी किंतु इज्जके बावजूद कोई अपेक्षाकृत समस्या के समाधान नहीं हो सका व्यापारी व आम जनता अब पूछ रही है कि आखिर सिक्का जा कहा रहा है। एक समय था जब बाजार में 1, 2, 5, 10 व 20 रुपये के इतने सिक्के आ गए थे कि आम उपभोक्ता, व्यापारियों के साथ साथ बैंक वाले भी खासे परेशान हो गए थे। इन चिल्हरों के कारण नहीं लेने देने की वजह से आए दिनों विवाद भी होता रहा है। आखिर इन सिक्कों को रखें कहां व दें किसको यह बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई थी। तत्कालिक तौर पर इन सिक्कों के लेनदेन व विवाद से बचने कुछ लोगों ने कुछ सिक्कों को खासकर 10 रुपये के सिक्के को नकली बताकर लेने से इनकार करते थे, इसका परिणाम यह हुआ कि 10 रुपये का सिक्का चलन से लगभग बाहर हो गया।

सरायपाली के व्यापारी प्रतिनिधि राजेश अग्रवाल का कहना है की यहां चिल्लर की बहुत ज्यादा समस्या है पांच का सिक्का बाजार से गायब हो चुका है हर रोज ग्राहकों के सामने चिल्हर की समस्या आ रही है। इन्होंने यह भी मांग की है की सभी बैंकों को सिक्कों की आपूर्ति सरायपाली में जल्द से जल्द की जाए अगर बैंकों के पास बांटने की समस्या है तो किराना व्यापारी संघ स्वयं ही बाजार में सिकों का वितरण कर देगा बस बैंकों को सिक्कों को उपलब्ध कराना पड़ेगा यह है कि व्यापारी अपने दुकानों के सामने इस मिथक को तोड़ने के लिए सूचना टांग रहे हैं कि 5. 10 और 20 के सिक्के लिए जा रहे हैं। सिक्कों या नोट की कमी क्यों हो रही है यह समी के लिए सोचने का और प्रशासन के लिए बैंकों के लिए चिंतन का विषय है। चिंता व खोज का विषय यह भी है कि आखिर कुछ माह पहले ही चिल्हर के अत्यधिक आवक से सभी परेशान थे तो वही आज ठीक उल्टी स्थिति निर्मित है।

सरकार द्वारा 10 रुपये के नोटो के कागज की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कुछ ही दिनों के लेनदेन के बाद यह नोट फटने व गंदे होने

लग जाते है जिसकी वजह से इस नोट को दुकानदार व ग्राहक लेना नहीं चाहते। आज स्थिति ठीक उल्टी हो गई है। सिक्के खोजने से नहीं मिल रहा है। पहले बैंक वाले सिक्के बांटा करते थे, लेकिन कोई लेने को तैयार नंही था आज लोग व व्यापारीगण चिल्हर लेने बैंकों का चक्कर मार रहे हैं किंतु चिल्हर मिलने की कही कोई संभावना दिखाई नहीं दे रहे हैं। कुछ बैंकों से चिल्हर के संबंध में जानकारी ली गई पर सभी बैंकों ने ऊपर से ही चिल्हर नहीं आने की बात कही। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार आम उपभोक्ताओं, व्यापरियों, दुकानदारों व छोटे-छोटे व्यवसायियों को चिल्हर की कमी के चलते व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इस समस्या से निपटने व चिल्हर की किल्लत को दूर किये जाने हेतु अब व्यापारी संघ भी सामने आ गया है।

इस समस्या को लेकर छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स नगर इकाई के साथ छत्तीसगढ़ कॉफिडेरेशन का ऑल इंडिया ट्रेडर्स नगर इकाई के अध्यक्ष मदन लाल अग्रवाल ने चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया था। चैंबर ऑफ कॉमर्स नगर इकाई अध्यक्ष अवधेश अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए रिजर्व बैंक को भी पत्र लिखा गया था।

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