श्री राम कथा:समाज के हर वर्ग को रामचरितमानस की अति आवश्यकता- चिन्मयानंद बापू

हरिपथ:लोरमी-3 नवम्बर मानस मंच पर आयोजित श्री राम कथा के दूसरे दिन में चिन्मयानंद बापू ने कहा कि आज समाज के हर वर्ग को रामचरितमानस की अति आवश्यकता है, रामचरितमानस हमें सिखाती है कि हमें अपने परिवार में किस तरह का व्यवहार करना चाहिए
हर रिश्ते नाते किस तरीके से निभाना चाहिए यह सब हमें प्रभु राम के जीवन से शिक्षा प्राप्त होती है साथ ही बापूजी ने कहा कि रामचरितमानस की शुरुआत वर्ण शब्द से हुई है मानो गोस्वामी तुलसीदास जी ने समाज को संदेश दिया की रामचरितमानस किसी व्यक्ति विशेष की नहीं है समाज के हर वर्ग की है बापूजी ने कहा कि रामचरितमानस हमें जीवन जीने की कला सिखाती है हम अपने जीवन को किस तरह जिए यह शिक्षा हमें रामचरितमानस से लेनी चाहिए रामचरितमानस का शुभारंभ करते हुए बापूजी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस की शुरुआत में सभी को प्रणाम किया।

गुरुदेव को प्रणाम किया साधु संतों को प्रणाम किया और साथ ही साथ दुष्टों को भी प्रणाम किया पूरे जगत को गोस्वामी तुलसीदास जी ने प्रभु राम और माता सीता का स्वरूप मानते हुए प्रारंभ में प्रणाम किया
बापूजी ने कहा कि आज राम राज्य की कल्पना हर कोई करता है इसलिए रामचरितमानस से हमें यह सीख लेनी चाहिए की राम राज्य में किस तरह की व्यवस्थाएं होती थी रामचरितमानस में संतों का क्या सम्मान था और प्रजा का कितना सम्मान था यह सब शिक्षा हमें रामचरितमानस से प्राप्त होती है बापूजी ने कहा रामचरितमानस कल्पवृक्ष है जिसके नीचे बैठने पर व्यक्ति की समस्त समस्याओं का समाधान होता है मानस के माध्यम से गुरुदेव को प्रणाम करते हुए बापू जी ने कहा कि जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए सही अर्थ में वही गुरु है बापूजी ने कहा है कि एक सच्चे गुरु की चरण की धूल ही हमारा कल्याण करने के लिए बहुत है बापू जी ने कहा साधु का चरित्र कपास की रूई की तरह होना चाहिए समाज में कितना भी अपमान साधु सह ले लेकिन फिर भी समाज को जब देने की बारी आए तो अपना अमृत रूपी आशीर्वाद ही समाज को प्रदान करें
सही अर्थ में वही साधु है।

मानस मंच लोरमी में चल रही श्री राम कथा की द्वितीय दिवस का भक्तों ने खूब आनंद उठाया परम पूज्य बापूजी का सानिध्य प्राप्त किया और कथा का रसपान किया
कल आने वाली कथा में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा



