मुंगेली

जिला में तीनो ब्लाक के विभिन्न विभागों के संविदा कर्मचारियों ने सविंदा प्रथा बन्द करने की नारे लगाये। हड़ताली कर्मचारियों ने कोरोना काल में जान जोखिम डालकर काम करने की जजबात सामने रखी…

हरिपथ @ मुंगेली_ 6 जुलाई जिला में तीनो ब्लाक के विभिन्न विभागों में संविदा कर्मचारियों ने सविंदा प्रथा बन्द करने की नारे लगई। सरकार को कर्मचारियों ने जमकर कोसा एवं मांगे पूर्ण करने आह्वान किये। कर्मचारियों ने सरकार को बताया कि कर्मचारियों ने कोरोना काल में जब कोई भी सामने नहीं आ रहा था उस संकट के दौर में भी संविदा कर्मचारियों ने प्रदेश की नब्ज थामी थी । एक ओर स्वास्थ्य विभाग में संविदा में कार्यरत तमाम संविदा कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्म किया वहीं पंचायत विभाग में कार्यरत मनरेगा कर्मचारियों ने गांव में रोजगार देने के लिए लगे थे। कांटेक्ट ट्रेसिंग में अन्य सभी संविदा कर्मचारी की ड्यूटी भी लगी। सैकड़ों कर्मचारियों ने जान चली गयी।


महासंघ के जिला संयोजक ताकेश्वर साहू ने बताया कि इन संविदा कर्मचारियों के समर्पण , त्याग और बलिदान का भी सम्मान नहीं मिला। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना काल में बेहतर काम के लिए सरकार ने जरूर वाह वाही बटोर ली।
महासंघ के वरिष्ठ सदस्य अशोक यादव एवम् एस एल डाहीरे ने बताया सरकार बनने से पूर्व 2018 के जनघोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने संविदा कर्मचारियों से नियमितिकरण का वादा किया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े चार साल बाद नियमितिकरण तो दूर नियमित रूप से जो वेतन बढ़ाना था वह भी नहीं बढ़ाया गया।


महासंघ के ब्लाक संयोजिका लोरमी नीतू दिवाकर एवम् ब्लाक संयोजिका मुंगेली शिखा बर्मन का कहना है कि ग्रामीण मजदूरों को गांव में काम देने के लिए हमारे कई रोजगार सहायक साथी बलिदान हुए। उनका परिवार आज भी न्याय की आश लगाए हुए हैं।


वरिष्ठ सदस्य उदय भानू बंजारे एवम् मनीष तंबोली कोषाध्यक्ष का कहना है कि उनकी स्तिथि “दुब्बर ला दू आषाढ़” जैसी हो गई है। चूकि जो नियमित रूप से वेतन बढ़ता था वह भी नहीं बढ़ा और कर्मचारियों की बिना भर्ती किए नई नई योजनाओं का संचालन कर काम का बोझ जरूर बड़ गया है।

महिला विंग अर्चना राही एवम् कल्याणी राजपूत ने बताया कि प्रदेश में संविदा कर्मचारी कोल्हू के बैल की तरह पीसे जा रहे हैं। जिले में कर्मचारियों के उत्साह को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कई सरकारी दफ्तरों में ताले लटक जायेंगे और स्वास्थ्य सुविधा और पंचायत स्तर के निर्माण कार्य के साथ अन्य आवश्यक सेवाएं ठप पढ़ जायेंगी।


उक्त धरना उक्त आंदोलन में स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, महिला एवम बाल विकास विभाग,प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना,कृषि विभाग, जिले के समस्त योजना के 250 से अधिक संविदा कर्मचारी सम्मिलित हुए।उक्त जानकारी जिला संयोजक द्वारा दी गयी है।

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