छत्तीसगढ़नवरात्रि / देवी स्थललोरमी

शारदीय नवरात्रि ऊंचे पहाड़ों में माता तेरा बसेरा , देवी मंदिरों में जलेंगे मनोकामना ज्योति…..

 

हरिपथ -लोरमी– 14 प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रही है। शारदीय पर्व में क्षेत्र के प्रतिष्ठित प्रसिद्ध दैवीय मन्दिरो में श्रद्धालु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे । माँ दुर्गा को प्रसन्न के लिए इन मंत्रों का जाप करने माता की कृपा बनी रहती है !

इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से प्रारंभ होगी,और 24 अक्टूबर तक चलेगी, ऐसे में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से की जाती है और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11:44 से शुरू होकर दोपहर 12:30 तक रहेगा! इस दौरान भक्त अपने घर में या पांडाल में कलश स्थापना कर सकते हैं, इसके साथ ही पहले दिन माता रानी के स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की

इनचार मंत्रों का करें जाप-मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान अगर आप इन चार मंत्रों का उच्चारण करते हैं, तो माता रानी प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद आप पर बनाए रखती हैं-

मंत्र जाप– 1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।। 2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
नवार्ण मंत्र – ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ ◆ 3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।◆ 4. सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते ।
भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तुते ….

लोरमी की माँ महामाया

लोरमी- क्षेत्र के प्रमुख दैवीय सस्थल जहाँ शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालु दूर दूर से मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ववलित कराने एवं दर्शन लाभ लेने सैकड़ो की संख्या में पहुँचते है। नगर के पहाड़ पर स्थित माँ महामाया की प्रसिद्ध मंदिर…

माँ त्रिशूला देवी

लोरमी से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित माँ त्रिशूला देवी की मंदिर जहाँ बहुत कठिन डगर के साथ जंगल के सुरम्य पहाड़ो की बीच विराजमान माता के मंदिर में सकरे पहाड़ के बीच होकर पहुँचते है-

डोंगरिगढ़ पहाड़ के ऊपर मंदिर
ग्राम डोंगरीगढ़ स्थित मां भुवनेश्वरी

लोरमी से 25 किलोमीटर दूर ग्राम डोंगरिगढ़ के पहाड़ पर स्थित माँ भुवनेश्वरी देवी जहाँ सैकड़ो सीढ़ियां पैदल चलकर भक्त माता के दर्शन करने पहुँचते है। लोग पहाड़ के प्राकृतिक सौंदर्य को घण्टो निहारते है,जिसके चलते यहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। क्षेत्र के साथ छत्तीसगढ़ के कोने कोने से पहुँचते है। नवरात्रि में यहाँ देवी भागवत के अलावा मनोकामना ज्योति जलवाकर अपनी मन्नते पूर्ण करते है। यहाँ मंदिर के पास 9 दिवस तक बतौर मेला उत्सव का आयोजन होता है।

कारिडोंगरी के पास बाबाडोंगरी पहाड़ मुख्य द्वार
माँ कल्याणी देवी

लोरमी से 20 किलोमीटर ग्राम कारिडोंगरी के पास बाबाडोंगरी पहाड़ पर स्थित मां कल्याणी देवी भी जंगल से सटा हुआ,ग्राम खुड़िया मुख्य मार्ग पर स्थित पहाड़ के ऊपर स्थित मां कल्याणी के दर्शन करने सौ से अधिक सीढ़ियां चढ़कर श्रद्धालु दर्शन लाभ लेते पहुँचते है। यहां भी मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ववलित होते है।

माता खुड़िया देवी

लोरमी से 25 किलोमीटर ग्राम खुड़िया में एक ऊंचे पहाड़ के गुफा में स्थित मां खुड़िया रानी है,जो क्षेत्र आजकल बड़ी संख्या में देवी दर्शन करने विशाल पहाड़ को नापने भक्त पहुँच रहे है,स्थानीय ग्रामीण यहाँ विकास कार्य कराने जोर शोर से जुटे हुए है। यहाँ बड़े ही मुश्किल रास्ते व ऊंचे पहाड़ पर पहुँचना ही अपने आप मे रोमांचकारीकारी अनुभव है,जिसे भक्त आसानी से माता के दर्शन करने पवित्र गुफा तक पहुँचते है। यहाँ पर्यटक राजीव गांधी जलाशय का लुफ्त उठाने के साथ आस्था व प्रतिकृति सौंदर्य के अनोखे संगम को नजदीक से निहारने पहुँच रहे है।

खुड़िया माता के पहाड़ से प्रकृति का नजारा

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