विधायक चातुरी नंद ने सरायपाली के साथ विकास कार्यों में भेदभाव का लगाया बड़ा आरोप..

हरिपथ–सरायपाली,13 अगस्त (सौरभ सतपथी)की रिपोर्ट क्षेत्रीय विधायक चातुरी नंद ने सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के साथ विकास कार्यों के आबंटन में भेदभाव का बड़ा आरोप एक बार फिर से लगाया हैं। उन्होंने सीएम विष्णुदेव साय का सरायपाली विधानसभा क्षेत्र प्रवास पर कोई भी बड़ी परियोजनाओं की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
विधायक चातुरी नंद ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का सरायपाली विधानसभा क्षेत्र में एक दिवसीय प्रवास जनता के लिए पूरी तरह निराशाजनक रहा। विकास की एक भी बड़ी घोषणा किए बिना मुख्यमंत्री लौट गए। यह वही पैटर्न है जो प्रदेश में भाजपा सरकार बार-बार दोहरा रही है – विपक्षी विधायकों के क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से पिछड़ेपन में धकेलना।
विधायक नंद ने कहा कि मुख्यमंत्री का काफिला सरसींवा–सरायपाली मार्ग से गुज़रा, जो आज गड्ढों का जाल बन चुका है, लेकिन भाजपा सरकार ने इस पर आंख मूंद ली। सड़क निर्माण के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया गया है लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति अब तक लंबित है। सरायपाली आगमन पर भी पूर्व में लोक निर्माण विभाग मंत्री को इस सड़क की दुर्दशा पर ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने उस ज्ञापन को भी कूड़ेदान में फेंक दिया गया है। इसी तरह अमृत जल जीवन मिशन की स्वीकृति हेतु बार बार ज्ञापन सौंपा गया है परंतु स्वीकृति लंबित रखी गई है जिससे क्षेत्रवासी पीने के पानी के लिए तरस रहे है।
कांग्रेस विधायक चातुरी नंद ने कहा कि “भाजपा सरकार का यह रवैया सरायपाली की जनता के साथ सीधा विश्वासघात है। मुख्यमंत्री जी आए, देखे, और बिना कोई घोषणा किए चले गए। क्या सरायपाली के लोग छत्तीसगढ़ के नागरिक नहीं हैं? क्या उनका विकास सिर्फ़ इसलिए रोका जाएगा क्योंकि यहां कांग्रेस का विधायक है? भाजपा सरकार की नीतियां यह साबित कर रही हैं कि उनके लिए विकास केवल उनके समर्थकों के लिए है, बाकी जनता उनके लिए ‘अदृश्य’ है। हम भाजपा की इस उपेक्षा और भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता अब जाग चुकी है, और आने वाले चुनाव में इस अन्याय का हिसाब लेगी।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्पष्ट करती है कि भाजपा का यह ‘भेदभाव मॉडल’ सरायपाली में नहीं चलेगा। अगर तुरंत सड़क मरम्मत, शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई से जुड़े लंबित प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं दी गई तो कांग्रेस पार्टी सड़क से विधानसभा तक निर्णायक आंदोलन करेगी।