Crime/policeछत्तीसगढ़न्यूजपशुधनमुंगेली/लोरमी

गरीब के 12 बकरियों को अज्ञात ने तत्वों ने किया पार, न्याय की गुहार 

हरिपथलोरमी– 14 सितंबर विकासखण्ड के ग्राम कौहाबांधा में एक गरीब  परिवार के घर मे अज्ञात तत्वों ने 12 बकरियों को चोरी कर ले गए। परिवार बकरी पालन से जीवनयापन करता था। प्रशासन से चोर कै पकड़ने न्याय की गुहार लगायी है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम कौहाबाँधा निवासी छेदीलाल निर्मलकर 76 वर्ष पिता सिरिया राम निर्मलकर नगर के थाना में 10 सितंबर को आवेदन दिया है,की वह अपने परिवार सहित  मंगलवार की रात समय लगभग 1-2 बजे को अज्ञात व्यक्ति द्वारा प्राथी द्वारा पालन किये जा रहे, 4 बकरा, 8 बकरी, चोरी कर ले गये है। पीड़ित परिवार रात्रि करीब 8-9 बजे खाना खाकर सो गए  थें। जब परिवार के सदस्य  समय लगभग 12 बजें पानी पेशाब के लिए जगे तब सभी बकरी अपने स्थान पर बंधा हुआ था। उसी रात को लगभग 1-2 बजे के बीच अज्ञात व्यक्ति के द्वारा 12 बकरियों को चोरी कर ले गये। बकरियों की कीमत 1 लाख बताई जा रही है।

 उक्त बकरी व बकरे लगभग 1 लाख लगभग आर्थिक क्षति हुई हैं उक्त घटना की सुचना सुबह उबजे ग्राम कोटवार को दिया गया व आस पास खोज बीन किये तो भी से उक्त बकरीयों का कहीं भी पता नहीं चला। जब पीड़ित ने लोरमी थाने शिकायत आवेदन कर उक्त आरोपी के विरूद्ध प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज कर अज्ञात आरोपी को पकड़ने की गुहार लगाई।

उक्त बकरीयों में से 2 बकरें का बिकी हेतु सौदा के लिए केता 2 लोग आये थे, परन्तु सौदा नहीं होने के कारण वापस चले गये।

पत्नी ने बकरियों का व्यवसाय शुरू किया-स्वयं भी असमर्थ हैं और पत्नी  इंद्राणी रजक एकमात्र व्यवसाय बकरी पालन के सहारे पूरे परिवार का भरण पोषण करती हैं। जेवर के नाम पर पैर में पहनी एकमात्र आभूषण पायल एवं मजदूरी करके पेट काटकर बचाए हुए राशि से एक बकरी खरीदी थी। जिनको बढ़ाते बढ़ाते 12 – 14 बकरियां हो गई थी। एक एक बकरी और बकरा कुल कीमत लगभग एक लाख की होगी।

कुल मिलाकर उनके जीवन की कर्ज चुकाने, बेटी के विवाह करने एवं जिविकोपार्जन के लिए एकत्रित कुल जमा पूंजी समाप्त हो चुकी है।

 सदमे एवं दुख में रोते रोते आंखें सूज गई हैं।टूटी छप्पर एवं घास फूस का मकान है।शासन से प्राप्त होने वाला आवास भी नहीं मिल सका है। जीवन में चारों ओर अंधेरे ही अंधेरे हैं और यदि इन्हें किसी तरह सहयोग नही मिलता तो गरीब के साथ अन्याय होगा?

पीड़ित वृद्धा अवस्था मे है, युवावस्था के दिनों में दो विवाह हुए, दोनों पत्नियों के देहावसान के बाद तीसरी शादी सफल हुई, तीसरी पत्नी के आने से क्रमशः 9 संतानें हुई।जिनमें से छः का स्वर्गवास हो गया।एक पुत्र और दो पुत्रियां बचीं। जिनमें से इकलौते पुत्र का विगत सात आठ वर्षों से किसी भी तरह का कोई पता नहीं है, उसे न जाने जमीन खा गया अथवा आसमान निकल गया? कोई पता नहीं है. केवल दो पुत्रियां बचीं हैं।गत वर्ष साहूकार से ब्याज लेकर बड़ी बेटी का विवाह किए थे। छोटी पुत्री विवाह योग्य हो गई है और इस वर्ष विवाह प्रस्तावित है।

पीड़ित की इस दयनीय दशा का अवलोकन करते हुए उचित जांच करें एवं चोरों – अपराधियों की धर पकड़ में तेजी लाएं। लोगो को दयनीय दशा पर प्रार्थना पूर्वक ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है कि आपके द्वारा जन सहयोग राशि की मदद की अपील सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे है।

थाना प्रभारी अखिलेश वैष्णव ने कहा बकरी चोरी  मामले में सस्पेक्टेडो से पूछताछ करने में पुलिस जुटी है।

एसडीओपी माधुरी धिरही ने कहा मामले में जांच किया जा रहा।

error: Content is protected !!