बेलगहना

स्वामी शिवानन्द के सानिध्य में चतुर्थ वर्ष भी ग्राम धौराभाठ के भुलकेश्वर महादेव में रुद्राभिषेक का आयोजन…..

हरिपथबेलगहना ◆ 9 जुलाई श्रवण मास का पवित्र माह में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रुद्राभिषेक का कार्यक्रम की शुरुआत भूलकेश्वर आश्रम धौरभाठा से किया गया।श्री सिद्ध बाबा आश्रम बेलगहना के सानिध्य में लगातार यह चतुर्थ वर्ष रुद्राभिषेक का कार्यक्रम का आयोजन रखा गया।

श्रावण मास कृष्ण पक्ष षष्ठी को स्वामी शिवानंद महाराज का आगमन प्रातः 9.00 बजे धौरभाठा आश्रम में हुआ,ग्रामवासी भक्तो एवं सेवा समिति के भक्तो के द्वारा पूज्य स्वामी का स्वागत श्री हरिसंकीर्तन मंडलियो के द्वारा किया गया। तत्पश्चात सद्गुरु चरण पादुका एवं पार्थिव शिवलिंग की पूजा कर माँ मनिहारी नदी पर दीप दान कर आशीर्वाद लिए। शास्त्रों में वर्णित है की श्रावण महीना भक्ति भाव से परिपूर्ण महीना है।इस महीने जो जन श्रद्धा भाव के साथ आशुतोष भगवान शिव जी का पूजन करते है उसका सर्वमनोरथ पूर्ण होता है। तैतीस आश्रमों मे से स्वामी जी का प्रिय स्थान रहा है। भुल्केश्वर आश्रम,यंहा पर स्वामी जी का वर्ष में तीन चार बार आगमन हो जाता है ,पूजा पाठ होने के बाद संगीत का कार्यक्रम भी रखा गया। स्वामी जी अपने उद्बोधन में कहा की पार्थिव शिवलिंग की पूजा भगवान रामचंद्र वनवास काल में महाप्रतापी रावण से विजय प्राप्त करने की लिए किए थे एवं अर्जुन ने भी महाभारत संग्राम में दुर्योधन से विजय प्राप्त करने के लिए पार्थिव पूजा किए थे। शिवभक्ति से ओतप्रोत श्रावण मास का लाभ अवश्य लेना चाहिए,बेलपत्र में सुख समृद्धि समाहित है। हर हर महादेव जिसके कंठ से निकलेगा उसकी रक्षा भगवान शिव् स्वयं करेंगे। इस प्रकार पार्थिव पूजा का महत्त्व है । धौरभाठा आश्रम अध्यात्म क्षेत्र में एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहाँ पर ब्रम्हलीन श्री स्वामी सदानंद महाराज की स्मृति में अखंड ज्योति प्रज्वलित किया गया है। पूजा पाठ के पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया । जिसमे सभी श्रद्धालुजन् प्रसाद ग्रहण किए ,इस कार्यक्रम में बड़ी दूर दूर से श्रद्धावान भक्त उपस्थित रहे जिनमे बिलासपुर,मुंगेली,बिचारपुर, रायपुर,सरगांव तिफरा, सकरी, बिल्हा चकरभाठा , मुरु, सांवाताल,कुरेली सहित अन्य स्थानों के श्रद्धालुओं ने पूजा में हिस्सा लिये ।

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