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डीजे वाले बाबू जरा धीरे बजाना: डीजे और साउंड बाक्स के शोर पर पांच लाख तक की लगेगी पेनाल्टी!

हरिपथ: बिलासपुर,डीजे और साउंड बाक्स के शोर से आम लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से बताया गया कि कड़ी कार्रवाई के लिए राज्य के कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में संशोधन की जरूरत है। इसके लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया की जाएगी। संशोधन होने के बाद पांच लाख रुपए तक की पेनाल्टी लगाई जा सकती है। हाईकोर्ट ने पूछा कि प्रक्रिया करने के लिए कितना समय चाहिए। अधिकारी इस पर जवाब नहीं दे सके तो ,हाईकोर्ट ने दो सप्ताह में संशोधन करने कहा तो सरकार की ओर से चार सप्ताह का मांगा गया। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गय कोलाहल अधिनियम में इतने कड़े प्रावधान है ही नहीं। एक या दो बार 500-1000-पेनाल्टी लगाकर छोड़ दिया जाता है। ना सामान की जब्ती होती है और ना ही कोई नियम बनाए गए है। कोर्ट ने मामले में सरकार को कार्रवाई के संबंध में जवाब प्रस्तुत व कहा है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से बताया गया कि केन्द्र सरकार की न्वाइज पाल्ल कंट्रोल के तहत पांच लाख रुपए तक की पेनाल्टी लगाए जाने का प्रावधान है। छग अभी तक लागू नहीं किया गया है। सरकार की ओर से कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण पर के लिए ही संशोधन किए जा रहे हैं। इसे विधानसभा में रखकर पास कराया जाएगा कड़े प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। नियमों और आदेशों का पालन नहीं हो रहा-नाम संघर्ष समिति रायपुर और अन्य नागरिकों ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर इस दौरान त्योहारों और शादी समारोहों के दौरान डीजे द्वारा तेज आवाज में बजाए वाले संगीत का मुद्दा उठाया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा था कि ध्वनि प्रदूषण के वि और आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने प्रशासन से सवाल किया कि आम आदमी करेगा क्या और कहा कि ऐसा लगता है कि कानून व्यवस्था ही खत्म हो गई है। यह भी कहा कि डीजे बजाने पर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनके नियमों का पालन किया जा रहा है। अभी भी डीजे बजाने की घटनाएं हो रही हैं।

ज्ञात हो कि रायपुर की सिंगापुर सिटी के पास रहने वाले अमित मल ने एक हस्तक्षेप याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि सिंगापुर सिटी के मरीना क्लब में डांडिया खेलते समय ध्वनि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हुई थी। इसमें कोई कार्यवाही नही की गई,इसी तरह के कई अन्य हस्तेक्षप याचिकाये भी कोट में दायर की गई है।

ध्यान रहे कि मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजे के साथ लेजर और बीम लाइट से होने वाली परेशानियों पर चिंता जताई थी। सरकार की ओर से कहा गया कि डीजे और अन्य वाहन माउंटेड साउंड सिस्टम में लेजर लाइट पर पहले से ही रोक है। उल्लंघन पर जुर्माना लग रहा है। बार-बार उल्लंघन पर वाहन जब्त किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदूषण को लेकर चल रही जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत राज्य शासन द्वारा गठित समिति को ही मामलों की जांच और निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

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