प्रदेश के एक दर्जन बांध 80 प्रतिशत से अधिक भरे 17 दिन में छलक गए प्यासे बांध। गंगरेल के तीन गेट खोले गए..
हरिपथ–रायपुर/बिलासपुर-सावन में छत्तीसगढ़ के बांधों को लबालब कर दिया है। केवल 17 दिन में ही बांध छलकने लगे हैं। प्रदेश के कई बांध जिसमें एक पखवाड़े से पहले तक केवल निस्तारी का पानी बचा था, वे आज अच्छी बारिश की वजह से लबालब हैं। शुरू में मानसून के लेट होने के कारण बांधों में पानी की स्थिति चिंतनीय थी। जुलाई के अंतिम सप्ताह के बाद बारिश होना शुरू हुई, तो बांधों में पानी का स्टोरेज किया गया। पहले समान रूप से बारिश होने और बांध में पानी ठीक होने पर बारिश के साथ ही पानी भी छोड़ा जाता था, लेकिन इस बार ऐसा न कर पानी स्टोरेज पर ज्यादा ध्यान रहा। परिणाम यह हुआ कि 15 दिन की बारिश में गंगरेल बांध जहां 16 जुलाई को मात्र 4.82 प्रतिशत पानी था, वह 40 प्रतिशत बढ़कर 85 प्रतिशत से अधिक हो गया।
नदी-नाले हो गए लबालब-खारून नदी सावन की ऐसी झड़ी जो थमने का नाम नहीं ले रही! 13 दिन में 249 मिमी. बारिश राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में सावन के महीने में बादल घुमकर बरस रहे हैं। पहले दिन से शुरू हुई बारिश समने का नाम नहीं ले रही है। जोरदार बारिस करने वाला सिस्टम मध्यप्रदेश से आगे बढ़ रहा है जिसकी वजह से कल के बाद वर्षा की स्थिति कम होने का अनुमान है?
75 प्रतिशत से अधिक भरे बांध– इसके अलावा प्रदेश के अन्य सिकासार में 91. सोंढुर में 72. खपरी दुर्ग में 100 खारँग में 100 राजनांदगांव के पिपरिया नाला में 100 प्रतिशत रुसे बांध में 100 प्रतिशत जलमग्न है। वहीं मुंगेली जिला लोरमी मनियारी जलाशय में 100 प्रतिशत, बस्तर के कोसाखेड़ा में 89, कबीरधाम के सुतियावाट में 95 ,बिलासपुर के घोंघा 94 , सिकासार में 91 , करानाला में 83 , सरोदा में 77 , छीरपानी में 79 ,श्याम जलाशय में 83, परलकोट में 86 खरखरा में 79,मुरुमसिल्ली में 72 प्रतिशत जल भराव की रिथति है।
5560 क्यूसेक, 29 घंटे तक ओवर फ्लो होने के बाद टूटा विद्युत परियोजना का बांध
अम्बिकापुर। विकासखण्ड ओड़गी के अंतर्गत वेनिका पावर प्लांट ग्राम पंचायत चिकनी स्थित लगातार 20 घंटे तक ओवर पलो होने के बाद अंतत शनिवार को सुबह 2 बजे यह नावा। बांध के से महान नदी उफान पर है, प्रशासन के तीन ग्रामों को खाली कराया है, पहले दिन आठ ग्राम में अलर्ट जारी किया गया है। बांध के टूटने से आसपास के गावों में जन-धन की क्षति नहीं हुई है। वेनिका होकर परियोजना वर्ष 2008 में दूरस्थ वाम पंचायत चिकनी स्थित महान विशाल कांक्रीट बंध चलाकर विद्युत उत्पादन किया जा रहा था। विद्युत परियोजना का निर्माण 380 करोड़ की लारत से किया गया था। कंपनी बांध में जमा पानी के वचाव से टरबाइन चलाकर प्रतिदिन 24.7 मेगावाट बिजली उत्पादन कर नदी पर विद्युत वितरण करनी को बेच रहीं थी।
धमतरी– शनिवार को गंगरेल बांध के तीन गेट को खोल दिया गया है। शाम 6 बजे की रिपोर्ट में 28.435 टीएमसी पानी का लेवल मापा गया है। कैचमेंट एरिया से पानी करें आवक को देखते हुए 7, 8.9 नंबर के गेट से 3510 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा विद्युत पावर वाले पेन स्टाक मेट से 1650 क्यूसेक पानी बिजली उत्पादन केडिस्चार्ज 10.282 क्यूसेक पानी की आवक
गंगरेल बांध के तीन गेट खुले कैचमेंट एरिया पर नजर रखा जा रहा है। अगस्त महीने में गंगरेल बांध के गेट अक्पर खोले जाते हैं। बारिश नहीं होने पर बांध के नहीं भरने के बावजूद किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है, लेकिन इस साल बांध के लबालब होने और भारी बारिश को देखते हुए बांध से महानदी में पानी छोड़ा जा रहा है। बांध में 86.28 फीसदी जलभराव है।सिचाई विभाग के सहायक इंजीनियर दीक्षा देवांगन ने बताया कि कैचमेंट एरिया से पानी की आवक पर नजर रख रहे है।
जलसंसाधन विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 12 बड़े बांधों में 65 प्रतिशत और 35 मध्यम बांधों में 69 प्रतिशत जलभराव की स्थिति है। आने वाले समय में 20 अगस्त को बांधों में जल भराव की स्थिति का आंकलन किया जाएगा। वहीं सितंबर में बांधों में पानी की उपलब्धता के आधार पर आगामी वर्षों के लिए आंकलन किया जाता है। फिलहाल प्रदेश के चार बांध खारंग, खपरी, रूसे और पिपरिया नाला जलाशय में शत प्रतिशत स्टोरेज हो गया है। इसके अलावा प्रदेश के एक दर्जन से अधिक बांधों में 30 प्रतिशत से अधिक जलभराव इस सीजन में हो गया है। आने वाले दिनों में भी मानसून का सिस्टम सक्रिय होने के कारण बारिश की उम्मीद से बांध में जलभराव और बढ़ेगा।