भीषण गर्मी में नदी ,नाले, बांध सुखे ! खुड़िया जलाशय में 34 प्रतिशत पानी..

हरिपथ @ लोरमी– इस वर्ष भीषण गर्मी में सूर्य की तपती किरणों से क्षेत्र के प्रमुख बांध,नदी , नाले एवं निस्तारी तलाब जवाब देने लगे है। क्षेत्र में गर्मी फसलों धान का रकबा बढ़ने से ग्रामीण अंचल में भूजल स्तर गिरने लगा है?

जिले के जीवनदायिनी मनियारी नदी पर बनी ब्रिटिश कालीन राजीव गांधी जलाशय खुड़िया बांध में महज 34 प्रतिशत ही जल संचय है। आने वाले दिनों में भीषण गर्मी के तापमान से जल स्तर और भी निचले स्तर जा सकता है। जल्द ही प्रतिकृति मेहरबान नही हुये तो 30 प्रतिशत न्यूनतम जल स्तर से जलीय जीव के लिए संकट पैदा हो सकती है! सभी बन्धो से एक एक बार निस्तारी के लिए पानी नहरों छोड़ा जा चुका है। इसके बाद छोटे बांधो में जलीय जीव के साथ जानवरो के पीने एवं निस्तारी के लिए भी कम पानी बचा है।

वृहद सिंचाई परियोजना का जल गिरा– खुड़िया में 34 प्रतिशत, गबदा जलाशय में 15 प्रतिशत,लोटन नाला एवं बघर्रा में जलाशय में 5-5 प्रतिशत पानी है।बुधवारा, भारतसागर, कन्हैया जलाशय एवं दानव खार में न्यूनतम स्तर पर है!

वाटर रिचार्ज बांध में कम जल स्तर से समस्या हो रहा है, बांध के आसपास ग्रामीण क्षेत्र में वाटर रिचार्ज कम होने से भुजल स्तर गिरने का प्रमुख कारण यही हो सकता है! बीते दिनों से आग उगलती सूर्य के तपिश से बांधो से तेजी से वाष्पीकरण हो रहा है।

रवि फसल गर्मी में धान का रकबा 25 प्रतिशत बढ़ा- विकासखण्ड में 14000 हेक्टेयर- क्षेत्र में गर्मी के दिनों मे वाटर लेवल प्रतिवर्ष कम होते जा रहे है, जिसका मुख्य कारण गर्मी के दिनों में धान की फसल की पैदावार है ,कृषि विभाग की लापरवाही कहे या लाचारी लोरमी क्षेत्र में लगातार गर्मी के दिनों में धान का रकबा बढ़ रहा है इस वर्ष गर्मी के दिनों 14 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर गर्मी की फसल लगायी गयी है। जो खरीफ में 39000 हेक्टेयर में धान किसान लगाते है।

लगातार गर्मी फसल का रकबा बढ़ रहा है शासन द्वारा कृषि विभाग के अधिकारी एवं कमर्चारियो को गर्मी के दिनों में धान की फसल को प्रोत्साहित कर इसके बदले मुंग उड़द, मुंगफली, मक्कका जैसे फसल उत्पादन करने आदेश दिया जाता है ,लेकिन उसके बाद भी धान का रकबा लगातार बढ़ रहा है,दूसरी ओर मुंग, उड़द, मुंगफली, मक्का आदि का फसल लगातार कम होते जा रहा है।
धान की फसल में अत्यधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है अधिक मात्रा में पानी लगने के कारण गर्मी के दिनों में वाटर लेवल कम होता है , यही से पानी की समस्या शुरू होती है।
अधिकारियो का कहना है कि किसानों को समझाईश दी जाती है लेकिन बात नही मानते, धान का रेट बढ़ना भी गर्मी में धान का रकबा बढ़ने का प्रमुख कारण है। दूसरी ओर प्रतिवर्ष गर्मी धान की फसल को हतोत्साहित करने के लिये इसके बदले मुंग, उड़द, मक्का, आदि लगाने के लिये बीज शासन निर्देशित करती है।
कृषि विभाग के एसडीओ धनंजय कुर्रे ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 25 प्रतिशत धान उत्पादन का रकबा बढ़ गया है। किसानों को दलहन जैसे फसल लगाने प्रोत्साहन करते है।

सिचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री आरके मिश्रा ने बताया कि गर्मी में निस्तारी के लिए बांधो से पानी दिया गया था। वर्तमान में खुडिया बांध में 34 प्रतिशत जल भराव है, भीषण गर्मी के कारण अन्य छोटे बांध सूखने के कगार पर है।