बिलासपुर

छ.ग फॉरेस्ट रेंजर्स एसोसिएशन के द्वारा वन विभाग में वर्तमान में प्रचलित मजदूरी भुगतान प्रणाली में परिवर्तन को लेकर मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वृत को ज्ञापन

हरिपथ न्यूजबिलासपुर ●● 20 मार्च छ.ग फॉरेस्ट रेंजर्स एसोसिएशन के बिलासपुर(संभागीय) शाखा द्वारा वन विभाग में वर्तमान में प्रचलित मजदूरी भुगतान प्रणाली में परिवर्तन कर ” आहरण&संवितरण अधिकारी”(डीडीओ/डीएफओ/उपसंचालक) से भुगतान किए जाने  पीसीसीएफ वन & जलवायु परिवर्तन विभाग के नाम ज्ञापन  को सीसीएफ बिलासपुर को दिया गया।


छ.ग वन विभाग में वर्तमान में प्रचलित मजदूरी भुगतान प्रणाली के अनुसार समस्त प्रकार के कार्यों का मजदूरी भुगतान वन परिक्षेत्र अधिकारी को संवितरण अधिकारी बना कर किया जा रहा है। इस प्रणाली से न केवल शासकीय समय, श्रम और धन&संसाधन का व्यर्थ हो रहा है, साथ ही वन परिक्षेत्र अधिकारी वन & वन्य जीव सुरक्षा एवम संरक्षण के अपने प्राथमिक उत्तरदायित्व में पूर्णतः केंद्रित नहीं कर पा रहे है। वर्तमान में अधिकतर रेंज कार्यालय में न तो सेटअप के अनुसार रेगुलर रेंज क्लर्क है,और न ही क्षेत्रीय अमला।

जिसके कारण वित्तीय भुगतान प्रबंधन एवम उसका सुक्ष्म अवलोकन तथा वन & वन्यजीव सुरक्षा और संरक्षण कार्य में संतुलन भी स्थापित नही हो पा रहा है। जिसका समस्त भार वनपरिक्षेत्र अधिकारी के ऊपर भारित हो रहा है। यही वजह है ,कि राज्य में वित्तीय भुगतान में त्रुटि/अनियमितता एवम वन&वन जीव सुरक्षा में चूक की घटनाएं दृष्टिगत हो रही है। प्रश्न यह है कि जब सामग्री एवम तेंदूपत्ता मजदूरों का भुगतान डीडीओ(डीएफओ/उपसंचालक) के माध्यम से किया जा सकता है ,तो वानिकी कार्यों का क्यों नही।इस प्रकार के भुगतान से जहा आहरण & संवितरण का संकेंद्रन एक ही स्थान में होने से वित्तीय अनियमितता की स्थिति निर्मित नहीं होगी और शासन के समय/श्रम/धन का बचत होगा। वही वन परिक्षेत्र अधिकारी वन & वन्य जीव सुरक्षा कार्य में अधिक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे, जिससे वन अपराधो में कुशल&प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो पाएगा।

आज बिलासपुर कार्यालय पहुंचकर वित्तीय वर्ष 2023-24 से समस्त कार्यों का भुगतान( ऐसे वन मण्डलो में जहा अकाउंट/ऑनलाइन प्रणाली है) सीधे डीडीओ के माध्यम से कराए जाने हेतु ज्ञापन दिया गया। साथ ही इस हेतु बिलासपुर संभाग के सभी वन परिक्षेत्र अधिकारियो से व्यक्तिगत सहमति पत्र भी लिया गया था जिसे ज्ञापन के साथ प्रेषित किया गया।    छ.ग फॉरेस्ट रेंजर्स एसोसिएशन के प्रांतीय कार्यकारिणी के 26 फरवरी को आयोजित बैठक में इस हेतु सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था।  बता दे कि छत्तीसगढ़ छोड़ कर देश लगभग हर राज्यो में सीधे डीडीओ या समिति के माध्यम से मजदूरी भुगतान किया जाता है और शायद यही कारण है कि उन राज्यों में अनिमियतता की स्थिति निर्मित नहीं होती। इस दौरान छ.ग रेंजर्स एसोसिएशन रायपुर के बिलासपुर वृत्त के समस्त पदाधिकारी एवम सदस्य गण उपस्थित रहे।

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