नप.उपाध्यक्ष की भूल सुधार, कांग्रेसियों के साथ पहुँचे इस्तीफा को निरस्त कराने कलेक्टर कार्यालय..
हरिपथ– मुंगेली/लोरमी– 28 दिसम्बर एक दिन पूर्व बुधवार को नप उपाध्यक्ष अनुराग दास द्वारा सीएमओ को अपने से पद से त्याग पत्र देने सम्बंधित ज्ञापन सौंपा। आज गुरुवार को जिला कलेक्टर को जल्दबाजी में इस्तीफा को भावनात्मक रूप परिवारिक दबाव में निर्णय लेने बताकर त्याग पत्र को निरस्त करने कांग्रेसी पार्षदो के साथ कलेक्टर राहुल देव के नाम ज्ञापन देकर अपने दायित्व एवं कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक करने प्रतिबद्धता व्यक्त किया है।
इधर नगर पंचायत में राजनीतिक नाटकीय घटनाक्रम से राजनिज्ञ गलियारों में हड़कंप मच गया। एक दिन पूर्व ही वार्ड 3 के काँगेस पार्षद एवं नप उपाध्यक्ष ने सीएमओ लालजी चन्द्राकर को अपना त्यागपत्र दिया था।
कलेक्टर को ज्ञापन-28 दिसम्बर को कांग्रेस पार्षद दल के साथ कलेक्टर को इस्तीफा पत्र को निरस्त करने गुहार लगाने पहुँच गए। बताया जा रहा है,इस त्याग पत्र के पीछे उनका स्वयं का निर्णय था। जब कांग्रेसी पार्षदों एवं संगठन में इसकी जानकारी हुई,तो वह आनन फानन में इस निर्णय के खिलाफ कलेक्टर के पास आवेदन लेकर पहुँच गये।
सरकार बदलते ही -गौरतलब है,की बहुमत नहीं होने के बाद भी जेसीसीजे से बने थे अध्यक्ष चार साल पहले हुये नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बहुमत नहीं होने के बाद भी क्रास वोटिंग के चलते जेसीसीजे से अंकिता रवि शुक्ला अध्यक्ष निर्वाचित हुयी थी चुनाव के समय जेसीसीजे से चार, भाजपा से पांच, और कांग्रेस से 6 पार्षद निर्वाचित हुये थे अभी के विधानसभा चुनाव से कुछ माह पूर्व ही जेसीसीजे से निष्कासित किये जाने के बाद नपं अध्यक्ष अंकिता शुक्ला, पार्षद चंद्रप्रभादास वैष्णव, अंकिता धर्मेंद्र गिरी ने भाजपा की सदस्यता ले ली और जेसीसीजे से बचे एक मात्र पार्षद सीमा मनीष त्रिपाठी कांग्रेस में शामिल हो गयी। इस तरह भाजपा से अध्यक्ष सहित आठ पार्षद तथा कांग्रेस से 7 पार्षद वतर्मान में है विदित हो कि वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद वंदना सिंह बैस के खिलाफ विधानसभा चुनाव में जेसीसीजे का काम करने के मामले में कांग्रेस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है इसलिये उन्हें कांग्रेस ही मान के चल रहे है?
अब इस राजनिज्ञ घटनाक्रम के बाद सत्ता धारी दल भजपा चुप बैठने वाली नही है,जल्द ही इस आगे निर्णय लेकर आगे आवयश्क कदम उठाती है,की उपाध्यक्ष को वाकोव्हर देती है।
कांगेस नेता पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनीष त्रिपाठी ने कहा कि इस्तीफा विधी सम्मत नही है।त्यागपत्र देने का कोई मतलब ही नही है।