गणेश की सुसज्जित प्रतिमा डिमांड में..रिद्धि सिद्धि के दाता घर-घर विराजेंगे..

हरिपथ – लोरमी– 17 सितंबर गणेश चतुर्थी सोमवार व मंगलवार दोनो ही दिन स्थापित करने का धूम क्षेत्र में रहेंगी। स्थानीय एवं कोलकाता के मूर्तिकार प्रतिमा को आकार देने में लगे है। इस बार महाराजा सिंहसान पर बैठे गणेश प्रतिमा ज्यादा डमांड में है। स्थनीय मूलकारों के साथ ही आस पड़ोस की भी छोटी रेडीमेड मूर्तियां बाजार में आई है। महंगाई का असर प्रतिमाओं पर पड़ा है. कच्ची सामग्री की दर बढ़ जाने से मूरतायों के दाम भी 25 फीसदी बढ़ गए है।
शहर में सबसे बड़े सार्वजनकि आयोजन गणेश को लेकर समतियां तैयारी में जुट गई है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी [तथि से 10 दवसीय गणेश उत्सव की शुरूआत होगी, जो अनंत चतुर्दशी तक चलेगी गणेश चतुर्थी के दनि घरी पंडालों में रिद्धि सिद्धि के दाता गणपतीजी घरों में वरिजमान होते है। समतियां कारीगरो को आर्डर देकर मूतायां तैयार करा रहे है। इस बार भी 2 से 10 फीट तक की डिमांड में है। शहर मानस मंच समीप, बाजार मोहल्ला सहित अन्य क्षेत्र में महीनों से ही कारीगर मूरतयों को अंतम रूप देने में लगे है।

अलग-अलग आकार व डिजाइन के हिसाब से इसका रेट तय है। वहीं रेडीमेड,मूर्तियों की दुकानों में सजावट सहित भी मूर्तियों की कीमत अलग-अलग है। थर्मोकोल, एलईडी लाइट, सिंहासन, मंदिर वाली सजावट के साथ मूर्तियां सेट में या अलग-अलग बिक रही है।

मंहगाई पर आस्था भारी– कोलकाता के मूर्तिकार सोनातून पाल ने बताया कि कलर, मिट्टी लकड़ी सब महंगी, सहित कच्ची सामग्रियों के भाव बढ़ने से मूर्तियां भी 25 फीसदी महंगी हो गई है। मिट्टी 1000 से 1500 रुपए टैक्टर, लकड़ी 1200 से 1700 तक क्विंटल, बांस 135 से 170 रुपए नग, पैरा 3000 से 5000 टैक्टर, खीला 80 से 120 रुपए किलो हो गया है। कच्चे सामानों के दाम बढ़ने से मूर्तियां भी महंगी हो गई है। वहीं फिनिशिंग के लिए कोलकाता व बाम्बे से मंगाई गई मिट्टी 550 से 800 रुपए बोरी पड़ रही है।

ग्राहकों हो गए हाईटेक– बाजार मोहल्ले के मूर्तिकारो ने बताया कि पहले मूर्तिकार ग्राहकों को कागज पर डिजाइन बनाकर गणेश प्रतिमा के लिए मूर्तियां फाइनल करते थे। अब हाईटेक दौर में लोग मोबाइल से मूर्तियों के डिजाइन सर्च करके मूर्तिकारों को बताते हैं, हूबहू हमें ऐसी प्रतिमा चाहिए। बदले दौर में अब मूर्तिकार कुछ प्रमुख समितियों के ग्राहकों के सुझाए डिजाइन के अनुसार ही मूर्तियां तैयार करते हैं। मूर्ति की डिजाइन, साज-सज्जा के अनुसार रेट तय होता है।