भक्तों के लिए सब बन जाते हैं,भगवान -तारेंद्र कृष्ण

हरिपथ न्यूज◆लोरमी●●समीपस्थ ग्राम बिठलदह में आयोजित श्री मदभागवत कथा महोत्सव आज चतुर्थ दिवस के पावन बेला में कुरूद धमतरी से आए कथावाचक पंडित तारेंद्र कृष्ण महाराज ने बताया कि किस प्रकार से भगवान अपने भक्तों के लिए सब बनने को तैयार है। भगवान द्वारकाधीश भक्तों के प्रेम में अर्जुन के रथ को हारना भी जानते हैं ,और युधिष्ठिर के राज सुय यज्ञ में जूठी पत्तल उठा कर के भक्तों का मान बढ़ाना भी जानते हैं।
महाराज ने कहा कि वही भगवान नारायण देवताओं को पुनः इंद्रासन प्रदान करने के लिए कश्यप आदिति के बेटा बनकर के वामन भगवान के रूप में भाद्रपद शुक्ला पक्ष 12 के दिन शुभ अवतार लेकर के आया और राजा बलि से तीन पग भूमि मांग करके पुनः अपने भक्तों को प्रदान कर दिया। वही राजा बलि को अहंकार और भगवान को अहंकार बिल्कुल पसंद नहीं है, भगवान ने बलि के अहंकार को छोड़ने के लिए तीन पग भूमि दान में मांग करके बलि के अहंकार को नाश किया।
उन्होंने कहा कि
नर सोचे नहीं होत है। प्रभु सोचा तत्काल।।
बली चाहत बैकुंठ हो प्रभु पठीयों पाताल।।
महाराज जी ने प्रसंग को और आगे बढ़ाते हुए कहा
किस प्रकार से भगवान नारायण वेदों की रक्षा करने के लिए वह अपने परम भक्त सत्यव्रत को जल प्रलय काल दिखाने के लिए भगवान ने मत्स्य अवतार लिया इसी प्रसंग में महाराज जी ने कहा अमरीश के बारे में बताते हुए कहा कि राजा अमरीश एकादशी व्रत करते थे,एकादशी व्रत करने का अर्थ है,यह है, जो अपने पाच कर्मेंद्रीय वह अपने पाच ज्ञान इंद्री और मन को एक दिशा की ओर ले जाए वह व्रत एकादशी कहलाता है।
महाराज जी ने इसी को आगे बताते हुए कहा भागवत महापुराण के नौवें स्कंध में 2 अध्याय में राम कथा का उल्लेख है।
राम जी का व्याख्यान हर पुराणों पर किया गया है, रामकथा के बिना पुराण ही अधूरे है। भगवान कृष्ण भगवान ने देवकी वसुदेव जी के द्वारा कारागृह में के पृथ्वी के भार को हल्का करने के लिए अवतरित होकर आए ग्राम बिठलदह में कृष्ण जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया सभी कृष्ण भक्ति में सराबोर हो गए।

