
हरिपथ,लोरमी-नगर से सटा हुआ वनक्षेत्र में इन दिनों जंगलो या मोहल्लों के आवागमन के लिये बारिश में छोटे नाले उफान पर रहते है,बारिश के बाद यह नाले लुप्त हो जाते है। इसके लिए ग्रामीणों में छोटी नालो में आवगमन के लिये पारम्परिक ढंग से निर्मित बांस के बने अस्थाई पुलिया लोगो के लिए कारगार साबित हो रहे है। ये सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
यही मामले देखने को मिला शहर से सटा हुआ ग्राम गुनापुर में एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले एवं जंगलो में जाने के लिये एक छोटी नाला आवगमन में बाधा बन रही थी,जिसे ग्रामीणों ने एक बॉस निर्मित पुलिया बनाकर सुविधा का विस्तार किया है।
विदित हो कि बैगा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने हमें स्वालंबी बनना सिखाया है,जो आपदा में अवसर को बदलने की भरपूर क्षमता है।
वनाचंल के भोले भाले लोग पुलिया या रपटा बनने का इंतजार नही किया बल्कि अपने बूते सीमित संसाधन को उपयोग करके गाँव की समस्या को दूर कर लिये। आज के इंजीनरिंग युग को गाँव की वैकल्पिक व्यवस्था ने क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर ने आवश्यकता को पूर्ण किया।