

हरिपथ–लोरमी-29 मार्च ग्राम खपरिकला में एक गौ वंश (साँड़) के शरीर मे चार स्थानों में हथियार से चोंट से गम्भीर रूप से जख्मी हालत में विचरण करते दिखा, जिसको मानवीय आधार पर ग्रामीणों ने पशु चिकित्सक से उपचार कराकर उसकी जान बचाई।

मिली जानकारी अनुसार गाँव मे एक मवेशी ( साँड़) को स्वतंत्र रूप विचरण करने छोड़ने परम्परा रही है! आज एक मवेशी को ग्रामीणों ने घायल अवस्था मे देखा। जिसके शरीर से धारदार हथियार से चार स्थानों से जख्मी रूप से गम्भीर से अवस्था मे विचरण करते दिखा। ग्रामीणों ने घायल मवेशी को बांधकर भोजन व्यस्था कराया।

घायल मवेशी के उपचार के लिये स्थानीय पशु चिकित्सक को सूचित कर चिकित्सकीय टीम से मवेशी का प्राथमिकी उपचार कराया।