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संघर्ष से सत्ता तक…जनसरोकार 

एक ऐसा नेता जिसने संघर्ष से पहचान बनाई…

हरिपथ-मुंगेली/लोरमी– 19 अक्टूबर सागर सिंह को कांगेस से उम्मीदवार नही बनने का मलाल है। आखिर होगी क्यों नही जिसने प्रदेश में सत्ताविहीन कांगेस के संघर्ष के समय वर्ष 2003 से 2018 तक महत्वपूर्ण 20 वर्ष कांगेस के साथ रहा। क्षेत्र के जायज मांग को अधिकारियों के कार्यालयों तक आवाज बुलन्द करने पार्टी के साथ रहा। क्षेत्र में बिजली,पानी , सडक जैसे मूलभूत समस्या के निराकरण कराने कांगेस के बैनर तले सैकड़ो विरोध प्रदर्शन कर सड़कों पर संघर्ष किया। लोग बोले पार्टी ने नजरअंदाज किया है,क्षेत्र की आमजन नही?

हक तो बनता है- सागर सिंह ब्लाक अध्यक्ष 2014 में बने जो 2018 तक रहे। इस दौरान प्रदेश में बीजेपी की शासन थी, ब्लाक में सगठन को नया जान फूंकने के साथ युवाओं को लेकर नई ऊर्जा के साथ कांगेस को मजबूती प्रदान किया और संगठन में बड़ी भूमिका अदा किया। क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर अधिकारी के दफ़्तर पहुँच जाते थे।इस दौरान पुलिस के डंडा से लेकर सड़को में धक्का ख़ाककर भी कांगेस की झंडे के साथ खड़ा रहा।

पुरानी संघर्ष के समय का फोटो

 संघर्ष से सत्ता तक– ये वो दौर था जब कांगेस प्रदेश में संघर्ष कर रहा था। जिसमे सागर सिंह ने कांगेस के साथ और क्षेत्र के लोगो की समस्याओं के लिए संघर्ष कर पार्टी के विचारधारा के साथ डटकर खड़ा रहा। पार्टी के गाइड लाइन और पार्टी के नियम को फॉलो किया।उस समय हालत ये थी कि विरोध विपक्षि दल का नेता होने के साथ विरोध के स्वर  इतना रहता कि जब भी सत्ताधारी दल के बड़े नेता क्षेत्र में दौरा या कार्यक्रम रहता तो सागर सिंह को पहले ही विभाग हिदायत देकर रोकने का प्रयास करते लेकिन फिर भी कांगेस के साथ रहा। राहुल गांधी के शक्ति प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ में छठवा स्थान रहा जिसमे राहुल गांधी ने सम्मान किया। उसी वर्ष क्षेत्र में 9000 सदस्यता भी दिलवाया। छत्तीसगढ़ में डिजिटल सदस्यता दीलवाने में आगे रहे।

संघर्ष के दिनों का फोटो

सत्ता आने पर मिली तो संगठन की जवाबदारी- वर्ष2014 से 2018 तक ऐसे बहुत से मामले है,जिसमें पार्टी के लिए संघर्ष साफ तौर पर दिखती है। जिसे पिछले दो बार के चुनाव इस संघर्षशील युवा तुर्क को नजरअंदाज करना क्षेत्र के साथ संगठन में रहे समर्थक भी हैरान है। यह युवा जोश कही पार्टी के लिए टिकट काटना भारी मत पड़ जाये! 

उपहार मे मिला संगठन– पार्टी के संघर्ष के दिनों में जो नेता काम किये उनको पार्टी ने प्रदेश बडे ओहदे देकर नवाजा और उसे उपकृत भी किया , लेकिन पार्टी ने सागर सिंह को 2020 में जिलाध्यक्ष पद देकर संगठन तक सीमित रखा गया क्या पूछता है, लोरमी ? 

संघर्ष और मेहनत से डरा नही- लोग कह रहें है, की संघर्ष से सत्ता तक फिर से सागर वही खड़ा नजर आ रहा है। फिर से वही रास्ते मे 15 वर्ष पहले जहाँ खड़ा जहां आज खड़ा दिख रहा है। जिसके नाम के साथ संघर्ष जुड़ा है,उसे किस बात का फिक्र हैं। मंजिल भी मिलेगी और रास्ते मे लोगो का कारवां भी साथ होगा! 

बैठक में लेंगे निर्णय- सागर सिंह ने 20 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे स्थानीय मंगलम भवन में कार्यकर्ताओं की आवश्यक बैठक आहूत की है। जिसमें क्षेत्र के लोगो को अधिक संख्या में उपस्थित होने अपील किया है। बताया जा रहा है,की 20 अक्टूबर के होने वाले बैठक में अपने समर्थकों के साथ बड़ी बडे निर्णय ले सकते है। 

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