पशुओं के चारागाह से बेजाकब्जा हटाने कवर्धा मुख्य मार्ग में मवेशी के साथ ग्रामीण चार घण्टे सडक जाम कर बैठे रहे वनविभाग के अधिकारियो की आश्वासन के बाद हटे ….

हरिपथ ◆ लोरमी◆ 22 अगस्त नगर के तहसील चौक में ग्राम अखरार क्षेत्र के ग्रामीण वनाचंचल से सटा हुआ ग्राम में मवेशियों के चारागाह में अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर किसानों ने तय समयसीमा में वनविभाग कार्यवाही नही होने पर आज तहसील चौक में कवर्धा पंडरिया मार्ग को जाम कर मवेशियों के साथ बैठ गए। इससे पहले ग्रामीणों ग्राम सारिसताल के पास पुलिस विभाग ने ग्रामीणों को रोककर चक्का जाम नही करने हिदायत दिया लेकिन अपनी मांग को लेकर ग्रामीण तहसील चौक में पहुँचकर सड़क जाम कर दिए। चार घण्टे तक मवेशियों के साथ आंदोलनकारी की वनविभाग के डीएफओ ने समझाईस देकर एक सप्ताह के अंदर कार्यवाही करने आश्वासन देकर रास्ते से ग्रामीणों को हटाया गया।

गौरतलब है,की वन विभाग, राजस्व विभाग व पुलिस विभाग के संयुक्त टीम ने कार्यवाही कर 30 हेक्टेयर काबिज भुमि को मुक्त कराया गया था! जिसमें उक्त काबिज अतिक्रमित भूमि को उच्च अधिकारियों के द्वारा 15 अगस्त के बाद अतिक्रमण को हटाने व कार्यवाही के लिए आश्वासन किया गया। मौके पर पंचनामा तैयार किया गया था,की अतिक्रमणकारी व्यक्ति कसरी, कसरा, खुडिया परिक्षेत्र के अंतर्गत कारीडोंगरी बीट 1523 में पुनः वन भूमि पर काबिज कर लिया गया है?
इससे स्थानीय पशुओं के आवागमन प्रभावित हुआ। उक्त विवादित भूमि को पूर्ण रूप से रास्ता में बन्द कर दिए? उक्त लोगो द्वारा विवाद की स्थिती निर्मित होने पर ग्राम खुडिया के पुलिस चौकी में 09 अगस्त को शिकायत पत्र सौपे गया था।
ज्ञात हो की सम्बन्धित अतिक्रमण भूमि स्थल पर वृक्षों की कटाई की जा चुकी है ! इससे पर्यावरण प्रभावित को नुकसान पहुचाया जा रहा है। वही दूसरी ओर अतिक्रमण से जानवरों के चारागाह एवं रास्ता पुरी तरह बंद हो चुका है उक्त काबिज भूमि जानवरो का एक मात्र चारागाह था। जिसमें ग्राम अखरार, जरहापारा, मीहापानी, रामनगर, दरवाजा, किसानों के मवेशी वर्षो से चारागाह से मवेशियों के लिए उपयुक्त स्थल था।

मवेशियों के घरों में कैद- उक्त ग्राम का मवेशी लगभग दो माह से किसानो के घर में बंधे हुऐ है ? इसके विषय में एक साल पूर्व और शिकायत कि गई था जिस पर कार्यवाही भी हुई था और चार लोगो को जेल भी हुआ था और अतिक्रमणकारियो द्वारा यह अतिक्रमण पिछले एक साल से चल रहा है जोकि अतिक्रमण कार्यों के द्वारा उच्चअधिकारियों के समक्ष कब्जा छोड़ने की लिखित शपथ पत्र दिया गया थे जिसके बावजूद भी आज पर्यन्त तक काबिज नहीं छोड़ें है जिसको छोड़ने के लिए एक बार फिर 18 अगस्त को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लोरमी को आवेदन दिया गया है उक्त भुमि को 22 अगस्त तक ग्रामीणों द्वारा चेतावनी दिए गए थे। चार घण्टे तक मवेशियों के साथ आंदोलनकारी की वनविभाग के डीएफओ ने समझाईस देकर एक सप्ताह के अंदर कार्यवाही करने आश्वासन देकर रास्ते से ग्रामीणों को हटाया गया।
एसडीएम पार्वती पटेल ने कहा कि ग्रामीणों को समझाइश के लिए वनविभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। जिससे सार्थक पहल ओर आंदोलनकारी ग्रामीण एक सप्ताह के अंदर कार्यवाही पर मार्ग को खाली कर गाँव लौट गए।