गाँव के किसान पुत्रों ने श्रवण कुमार बनकर माता पिता को हवाई यात्रा से तीर्थाटन कराया …

हरिपथ न्यूज◆लोरमी●●जहां एक ओर पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण करते हुए अस्त व्यस्त जिंदगी और प्रतियोगी जिंदगी जीते हुए लोग एकाकी जीवन जीने को मजबूर होकर वृद्ध माता पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ जाते हैं उनकी सुध लेना भी जरूरी नहीं समझते हैं ? ग्राम सरई पतेरा का एक कश्यप परिवार है, इस आधुनिक भारत मे श्रवण कुमार बनकर बेटों ने अपने माता पिता के सपनों को पूरा करते हुए उन्हें हवाई मार्ग से प्रयागराज बनारस के दर्शन कराए। 04धाम और 11ज्योतिर्लिंग सहित देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों को सड़क मार्ग,रेल मार्ग,जल मार्ग से दर्शन कर चुके इस बार हवाई यात्रा की इच्छा को पूरा करने का बीड़ा पुत्रों ने उठाया।
गत दिनों यह सपना भी पूरा हुआ।आपको बता दें कि पेशे से बिलासपुर में वकील सुभेंद्र कुमार कश्यप और उनके व्याख्याता भाई कामेश्वर कश्यप हायर सेकंडरी स्कूल कोतरी में सहित छ:भाई रजिस्ट्रार,पंचायत सचिव,वकील आदि हैं। उनके पिता ने मेहनत से पढ़ाया और काबिल बनाया । माता पिता के आदर्शवादी सोच ने उनको काबिलयत के साथ इस भाग दौड़ भरी जीवन मे ये विचार से लोगो में बदलाव आयेगा।
एक किसान के रूप में ग्राम सरई पतेरा के हजारी लाल कश्यप और शांति देवी ने अपने पुत्रों को बड़े सिद्दत से पढ़ाया लिखाया योग्य नागरिक बनाया आज उनके पुत्र बड़े होकर प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित कर रहे हैं संयुक्त परिवार में रहन सहन है,सामूहिक रूप से परिवार के सब कार्यक्रम करते हैं वर्तमान समय में ये एक अनुकरणीय उदाहरण समाज के सामने पेश किए हैं। गांव वाले और रिश्तेदार उनके इस पहल से बहुत ही भावविभोर और रोमांचित हैं।कुछ लोग सोशल मीडिया पर बेटा श्रवण कुमार की संज्ञा भी दे रहे हैं।माता पिता और पुत्रों के बीच ये समन्वय एक सर्वश्रेष्ठ पारिवारिक मूल्यों का उत्कृष्ट उदाहरण है।
पुत्रो ने मिलकर अपने माता पिता को यह बुढ़ापे का सुख देने का काम किय। परिवार एक शिक्षित,संस्कारी और सरलता से जीवन व्यतीत करने को सफलता का मूल मंत्र मानते हैं।आगे पशुपतिनाथ भी हवाई मार्ग से जाने की योजना बनाई है।उनके साथ उनके पोते पोतियों सहित परिवार के 14 लोग हवाई सफर करके तीर्थ यात्रा किए।

