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गहराया जल संकट- से परेशान किसानों ने किया फसलो  को मवेशियों के हवाले…

हरिपथलोरमी-7 अप्रेल खपरीकला क्षेत्र के गांव साल्हेघोरी (रैतरा) एवं कोसमतरा  जल संकट गहराता जा रहा है।  क्षेत्र की आगर नदी के एक माह पहले  जवाब दे चुकी है। गहराते जल संकट के चलते यहां के किसान अब गर्मी फसल धान, गेहूं के फसलों को मवेशी के हवाले कर रहे हैं, या फिर फसलों को काटकर मवेशियों के चारा के रूप में उपयोग करने की तैयारी में है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम साल्हेघोरी, कोसमतरा में लगभग 500 एकड़ गर्मी फसल लगाए है, सिंचाई के लिए गाँव मे गिरते भूजल स्तर के आगे विवश किसान लगभग 50 एकड़ को मवेशियो के हवाले  कर चुके है। उसी प्रकार साल्हेघोरी में 100 एकड़ में लगी धान की फसल यही अवस्था मे है। बताया जा रहा है,की अधिक जल शोधन एवं बड़ी जलश्रोत के सूखने से लगभग 200 फिट नीचे भूजल स्तर चला गया है। जिसके चलते इस ग्राम के लगभग नलकूप एवं बोर जवाब दे चुके है! विकराल जलसंकट को देखते हुये मायूस किसान गर्मी के धान एवं गेंहू जैसे फसलों को अपने हाथों से बरबाद करने विवशता है। 

बढ़ते जलशोधन परिणाम अब किसान जलसंकट से अपने फसलों को मवेशियों को खिला रहे है ।

गौरतलब है,की क्षेत्र की जीवनदायनी आगर नदी के एक माह पहले जवाब दे चुकी है। नदी की बड़ी जलश्रोत सूखने से गाँव के किसानो के छोटे नलकूपों एवं बोर फेल हो गये। इससे मायूस किसान अब अपने हाथों से फसलों को मवेशियों के चारागाह बना रहे है।

पेयजल संकट से निपटने नल जल योजना के पानी टंकी के लिए नलकूपों की सहारा लेकर ग्रामिन उपयोग कर रहे है। जो कारगर साबित तो रही है,पर कब तक ये सवाल उनको खाया जा रहा है। 

खुड़िया बांध का पानी आयेगी निस्तारी– सहारा-ग्रामीणों ने बताया कि मनियारी नदी खुड़िया बांध छोड़ी पानी गयी पानी सेनगुड़ा दी3 भस्करा पास से सेनगुड़ा नहर से आगर नदी में गिराने लगभग एक किलोमीटर नाली बनाया जा रहा है,जो पहले तो चिल्फी से होकर सहसपुर  स्टॉप डेम तक पहुँचेगा फिर खपरिकला स्टॉप डेम फिर लगरा कोसमतरा, साल्हेघोरी रैतरा के घाटों की प्यास बुझाएगी फिर भी यह फसल बचाने काम नही आयेगी क्योंकि भूजल स्तर सुधरने में कितना लगेगा यह किसी के पास जवाब नही है।फिलहाल किसान फसलों को मवेशियों को बतौर चारा निवाला बनाया जा रहा है।

किसान भरतलाल कश्यप का कहना कि बड़ी उम्मीद के साथ आर्थिक लाभ लेने वह ग्रीष्मकालीन रवि  फसलों को उगाकर धन अर्जित करने में उम्मीद थी,लेकिन  सफलता नही मिलने द्वारा ग्रीष्म के लिए बीज एवं खाद के लिए गए ऋण के बोझ दबेंगे।

डॉ मेलुराम साहू ने बताया कि ग्राम कोसमतरा  में 25 नलकूप फेल हो गए है,गाँव की पानी टँकी की सप्लाई निस्तारी के लिए भूजल स्तर गिरने से आठ दिनों से रुक रुककर मिल रहा है।

एसडीएम अजीत पुजारी ने कहा कि ग्राम में परीक्षण करवाकर समस्या दूर करने प्रयास करेंगे।

जनपद अध्यक्ष वर्षा विक्रम सिंह ने कहा कि सेनगुड़ा नहर से आगर नदी में निस्तारी के लिए खुड़िया बांध का पानी पहुचाने व्यवस्था किया जा रहा है। 

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