सावन सोमवार को रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग!भक्तो की शिव मंदिर उमड़ी भीड़…

शिव आराधना से होगी मनोकामना पुरी।क्षेत्र के शिव मंदिर में विशेष पूजन एवं भंडारे का आयोजन…
हरिपथ–लोरमी– 22 जुलाई सावन महिने के हर दिन का विशेष महत्व होता है, पर सावन सोमवार को कुछ खास ढंग से मनाया जाता है। भोले शंकर की विशेष अराधना की जाएगी। इस दिन लोग पूजा, व्रत सावन का रखेंगे। क्षेत्र के देवालय में सुबह से दर्शनाथियो का तांता लगा हुआ है। क्षेत्र के शिवघाट में स्थित शिवलिंग, महामाया रोड स्थित प्रसिद्ध शिवलिंग, बाबाघाट का शिवलिंग एवं पाली स्थित पालेश्वर नाथ मंदिर में सुबह 9 बजे से अभिषेक पुजा, दोपहर 12 से 2 बजे भंडारा एवं दोपहर 2 बजे से शिवमाहापुरण कथा कीर्तन का आयोजन किया गया है।



22 जुलाई से सावन का पहला सोमवार इस बार पांच सावन सोमवार पड़ रहा है। सभी सोमवार को शहर के मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक किया जाएगा। श्रद्धालु भक्त भी व्रत रख एवं महिलाएं भजन कीर्तन कर महादेव भगवान के प्रति अपनी आस्था जताएंगे।

इस दिन पड़ रहा पाँच सोमवार– 22 जुलाई पहला सोमवार 29 जुलाई दूसरा सोमवार 05 अगस्त तीसरा सोमवार 12 अगस्त चौथा सोमवार 19 अगस्त पांचवा व अंतिम सोमवार। पार्थिव शिवलिंग की विशेष पूजा, आराधना शिवालयों में चल रही तैयारियां, कांवड़ियों का दल होगा बाबाधाम के लिए रवाना हो रहे है।मनोकामना पूर्ति के लिए रखेंगे। माना जाता है कि इस महीने राशि के अनुसार विशेष उपाय करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा माह है और इस दौरान पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं शिव भक्त कावड़ लेकर बाबा धाम के लिए रवाना हुए। कांवड़ में भरे गंगा जल से शिवजी का अभिषेक करेंगे।

॥ पार्वती ने की थी तपस्या!!पौराणिक कथा के अनुसार भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। फलस्वरूप महादेव ने पार्वती माता को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का कर दिया। मान्यता है कि मगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है, ठीक उसी तरह मां पार्वती को भी सावन का महिना अत्यंत प्रिय है। सावन सोमवार को भगवान ओलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने से मनचाहा वर-वधु प्राप्त होता है। सावन सोमवार का व्रत रखने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। राहु-केतु का अशुभ प्रभाव दूर होता है।
रहेगा सर्वार्थ सिद्धि योग – सावन माह के पहले दिन प्रातः 5:37 से रात्रि 10 : 21 तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। प्रीति योग 21 जुलाई को रात्रि 9:11 पर शुरू होगा और 22 जुलाई को सायं 5:58 पर समाप्त होगा। तीसरा योग आयुष्मान योग सायं 5: 58 से आरंभ होकर 23 जुलाई को दोपहर 2:36 पर समाप्त होगा। सावन मास के मद्देनजर शहर के चांटीडीह, बघवा मंदिर सरकंडा, जोरापारा शिव मंदिर सहित अन्य देवालयों में खास तैयारियां की जा रही है। इस महिने मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज होने के साथ ही श्रद्धालु भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।