लोरमी

सनातन धर्म का ध्वज पताका को निरंतर फहराते हुए  स्वामी  शिवानंद महाराज के सानिध्य में ग्राम बिचारपुर आश्रम  में रुद्राभिषेक का आयोजन 

हरिपथलोरमी – 16 जुलाई को ग्राम बिचारपुर आश्रम में स्वामी शिवानंद के सानिध्य में सभी आश्रमो में रुद्राभिषेक  कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिनमे तृतीय रुद्राभिषेक का कार्यक्रम श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर में श्रावण कृष्ण पक्ष चतुर्दशी दिन रविवार को किया गया। 

स्वामी शिवानंद महाराज अपने उद्बोधन में कहा की भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न होते हैं लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है. रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके आप अपने सभी मनोकामनाएं  पुरी कर सकते है,रुद्राभिषेक को सनातन धर्म में सबसे प्रभावशाली पूजा मानी गई है, जिसका फल तत्काल मिलता है. रुद्राभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी कष्टों का अंत करते हैं. यजुर्वेद में घर पर ही रुद्राभिषेक करने का विधान बताया गया है जो अत्यंत ही लाभप्रद है।

इससे पहले स्वामी शिवानन्द का आगमन प्रातः 9.00 बजे श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर में हुआ।स्वामी जी का स्वागत सभी ग्रामवासी भक्तो एवं सेवा समिति के भक्तों के द्वार श्री हरी संकीर्तन एवं सनातन धर्म कि जयघोस के साथ किया गया। स्वामी जी आश्रम पहुँच कर सर्वप्रथम रामकुटी पर चरण पादुका का पूजन कर एवं माँ मनियारी  नदी में दीप दान कर आशीर्वाद प्राप्त किए,उसके बाद भगवान आशुतोष शिवजी का जलाभिषेक किया गया । 

गौरतलब है,की श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर पहाड़ी के ऊपर स्थित है। जो मनोरम स्थान के कारण आस पास के क्षेत्र में आस्था का केंद्र बना हुआ है। श्री सिद्ध बाबा आश्रम बिचारपुर में ब्रम्हलीन  स्वामी सदानंद महाराज का तपो स्थली रहा है, यहाँ पूज्य स्वामी जी प्रतिवर्ष आते रहे। स्वामी जी का प्रिय स्थानों में से एक बिचारपुर आश्रम भी था। इस  पहाड़ी के नीचे से होकर मनियारी  नदी गुजरती है।माँ मनियारी नदी आस पास के क्षेत्री लोगो के लिए  जीवन दायनी की भूमिका निभा रही है। 

स्वामी शिवानंद महराज

उक्त कार्यक्रम होने के बाद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमे हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त प्रसाद ग्रहण किए। लोरमी बिचारपुर क्षेत्र पुरा भक्ति मय हो रहा। इस रुद्राभिषेक कार्यक्रम में श्रद्धालु भक्तजनों ने बड़ी संख्या में  उपस्थित हो कर उस परमात्मा से अपनी मनोकामना पूर्ण होने की मन्नत मांगी।यहाँ बड़ी दूर दूर से श्रद्धावान भक्त जन उपस्थित रहे। जिनमे मुंगेली, लोरमी,खम्ही कोटा, बिलासपुर,रतनपुर,   कोरबा,  रायपुर,पंडरिया, कवर्धा, सहित अन्य स्थानों से भक्त सामिल हुये।

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