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केंद्र से एटीआर को मिला 70 फीसदी अंक , एटीआर में बढ़ी टाइगर की संख्या, 6 से बढ़कर 14, वन विभाग ने कराया सर्वे …वन्यप्राणियों के  अनुकूल माहौल से जंगल में गूंजने लगी टाइगर की दहाड़ ..

हरिपथलोरमी(एटीआर) 19 जून पूरे देश में बाघों की संख्या के हिसाब से अचानकमार टाइगर रिजर्व को केन्द्र से 70 फीसदी अंक मिले हैं, जो वर्ष 2018 के 63 फीसदी अंक से 7 फीसदी अधिक है। अंक मिलने के बाद अब टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या भी बढ़ गई है। पहले जहां एटीआर में 6 टाइगर हुआ करते थे, जो वर्तमान में बढ़कर 14 से अधिक हो गए हैं।

जानकारी के अनुसार करीब एक साल पहले दिल्ली ग्लोबल टाइगर फोरम की तीन सदस्यीय टीम सेवानिवृत्त आईएफएस व कान्हा टाइगर रिजर्व के पूर्व फील्ड डायरेक्टर डा. राजेश गोपाल के नेतृत्व में विशेषज्ञ एचएस नेगी और मोहनीश कपूर अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंचे थे। टीम ने अचानकमार के उन सभी क्षेत्रों का सर्वे किया, जहां बाहर से टाइगर को लाने के बाद छोड़ा जा सकता है। टीम ने टाइगर रिजर्व का आंकलन कर कुछ और डाटा एकत्र करने लिए भी प्रबंधन से कहा था।

टीम ने अचानकमार टाइगर रिजर्व के अफसरों के साथ लमनी, छपरवा, अचानकमार रेंज के सभी क्षेत्रों का दौरा किया था, जहां बाघों का मूवमेंट रहता है और एटीआर के रिकार्ड में भी स्थान दर्ज है। क्षेत्रों का सर्वे करने के बाद आंकलन करने का प्रयास किया गया कि भविष्य में जब दूसरे टाइगर रिजर्व से बाघों को

रिलोकेट किया जाता है तो उनके लिए यह जगह कितनी सुरक्षित है। इस सर्वे में एटीआर के ट्रैप कैमरे में बाघों की संख्या 6 पाई गई, जिसके उपरांत रिपोर्ट के अनुसार

एटीआर 100 में 70 फीसदी अंक दिए गए। टीम के सर्वे रिपोर्ट के अलावा एटीआर प्रबंधन प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में कोर जोन का रास्ता भी बंद कर देती है, ताकि प्रजनन में किसी तरह की परेशानी न हो सके।

टाईगर की वृद्धि-इसके हिसाब से पिछले पांच वर्षों के दौरान एटीआर के जंगल में टाइगर की दहाड़ अब ज्यादा सुनाई देने लगी है। प्रबंधन के अनुसार एक समय जहां टाइगर और टाइग्रेस 6 हुआ करते थे, वहीं वर्तमान में टाइगरों की संख्या बढ़कर 14 से अधिक हो गई है। टाइगरों के अलावा एटीआर का जंगल वन्यप्राणियों के प्रजनन के लिए अनुकूल साबित हो रहा है।

ट्रैप कैमरे में कैद तस्वीर-अचानकमार टाइगर रिजर्व के अनुसार जंगल में 14 बाधिन और बाघ हैं, समी की प्रबंधन ने नंबरिंग कर रखी है। बीच में इन सभी की तस्वीर भी साझा की गई थी, लेकिन एटीआर का जंगल अलग-अलग जंगल से जुड़े होने की वजह से उनका मूवमेंट होते रहता है। वर्तमान में केवल 14 टाइगर ही नजर आ रहे है, जिसमें नर और दो मादा दोनों प्रजाति हैं।इन सभी टाइगरों की तस्वीर ट्रैप कैमरे में कैद हो चुकी है।

सोन कुत्ते भी हैं एटीआर में-एटीआर प्रबंधन के अनुसार प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में कोर जोन का रास्ता सैलानियों के लिए चार माह तक बंद कर दिया जाता है। यह मौसम वन्यप्राणियों के प्रजनन का रहता है। पांच साल के दौरान टाइगरों की संख्या में बढ़ोतरी के अलावा चीतल, बायसन, हाथी, हिरण, लेपर्ड, कोटरी, सांभर, मगरमच्छ, मोर, सियार के साथ सोन कुत्ते की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर  गणेश यू आर ने कहा कि  वन्यप्राणियों के लिए अनुकूल वातावरण-अचानकमार टाइगर रिजर्व में टाइगरों की बढ़ती संख्या के साथ अन्य वन्यप्राणियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। एटीआर के जंगल में कयप्राणियों के लिए अनुकुल वातावरण है। सभी वन्यप्राणियों के लिए चारागाह व अन्य आहार सहित दूसरे प्रयास भी किए जा रहे हैं।

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