
हरिपथ– मुंगेली– के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश सड़कों की हालत काफी दयनीय है। हालात ऐसे हैं कि यहां कई वर्षों से जर्जर सड़क पर ही लोग आवागमन करने को मजबूर हैं। क्षेत्रवासियों ने अनेकों बार इस जर्जर सड़क की मरम्मत के लिए शासन प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन ना तो प्रशासनिक अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधिओं ने आज तक इस ओर ध्यान दिया है। इससे क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।

सेतगंगा से गोरखपुर, दाबो, बीजातराई से केशली, झिटकनिया से मानपुर, गाड़ाघाट से छटन सड़क, चातरखार, धनगांव, निरजाम, टिंगीपुर से चमारी तक, टेढ़ाधौरा से केसतरा तक सड़क अत्यंत खराब है। इन मार्गों पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होते रहता है। क्षेत्र के भाईराम साहू, कन्हैया सिंह बैस, संतोष यादव, गणेश अंचल, मनोहर गबेल, दिनेश ठाकुर, अजय काठले, जीत कुमार उपाध्याय, धर्मेन्द्र घृतलहरे, अंजोर दास


जर्जर सड़क पर बने गड्ढों में भरा पानी, राजकुमार काठले, गोलू यादव, से दाबो, मुकेश साहू ने बताया कि सेतगंगा से सिपाही से गाड़ाघाट, झिटकनिया से मानपुर, केशली से बीजातराई मार्ग अत्यंत दयनीय स्थिति में है।
लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों की माने को सड़क निर्माण के
समय ही अनियमितता बरती गई और सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। अब इसका खामियाजा ग्रामवासियों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क मार्ग अत्यंत जर्जर होने के कारण चलने में अक्सर राहगीरों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। यही नहीं कई लोगों को अपने जान भी गंवानी पड़ी है।

रात में चलना मुश्किल-रात के अंधेरे में इस मार्ग पर चलने वाले कई लोग ठोकर खाकर चोटिल हो जाते हैं। दुपहिया वाहन तो किसी तरह यहां से निकल जाते हैं, लेकिन चारपहिया वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात में स्थिति और भयावह हो जाती है क्षेत्रवासी कई बार जिला पंचायत, विधायक और जिला प्रशासन को भी इस ओर ध्यान आकृष्ट करा चुके हैं, लेकिन किसी ने इस मार्ग की मरम्मत जिम्मा नहीं उठाया है। लोग बदहाल सड़क पर चलने को मजबूर है। इसी तरह टेमरी से फास्टरपुर को जोड़ने वाला मार्ग भी कई वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। इस्टीमेट भेजा गया

कार्यपालन अभियंता पी.सूर्यवंशी ने कहा ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश सड़कें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई थी। 110 जर्जर सड़कों की जानकारी तैयार कर इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के पश्चात इस पर कार्यवाही शुरू की जाएगी।