
हरिपथ: लोरमी– 2 अक्टूबर पूरे देश मे विजयदशमी पर्व उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जा रहा। मान्यता के अनुसार सुबह लोग नीलकण्ठ के दर्शन करने खेत खलिहान व विद्युत सबस्टेशन के पास लोगो की भीड़ देखी गई। हिन्दू त्योहार में एक ऐसा भी पर्व जिसमें परंपरागत तरीके से रावण के पुतले का दहन के साथ जमकर देश मे खुशिया बाटी जाती है, एवं एक दुसरे को बधाई देकर बड़े बजुर्गो का आशिर्वाद लिया जाता है।

नगर में नवजीवन क्लब के तत्वाधान में 49 वर्षो से परंपरागत तरीके से दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता है,जिसमें आकर्षक झांकियां के साथ विशालकाय रावण का पुतला दहन कर जमकर आतिशबाजी किया जाता है। इस वर्ष क्षेत्र के विधायक एवँ उपमुख्यमंत्री अरुण साव दशहरा पर्व के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ में रावण दहन के साथ रामायण के किरदारों को जीवंत झांकियां निकालकर दशानन का पुतला दहन करते है। दक्षिण छत्तीसगढ़ बस्तर दशहरा पुरे विश्व मे अलग पहचान है।जो लगभग एक माह तक स्थानीय रीति रिवाज एवं संस्कृति को संजोए यह आयोजन भव्यता के साथ मनायी जाती है।
नीलकण्ठ एवं सोनपत्ता का महत्व- विजयादशमी पर्व में सुबह लोग दर्शन कर शुभ माना जाता है,मान्यता है,की इस दिन नीलकण्ठ के देवतुल्य के रूप में दर्शन देते है,जिसका आज भी लोग पालन करते आ रहें है।
छत्तीसगढ़ में सोनपान देकर दशानन दहन के बाद एक दूसरे को देकर बधाई देकर बड़ो से आशीर्वाद लिया जाता है। बताते है,सोनपान आज दिन पैसे से भी बड़ा महत्व रखता है? जिसका आज भी लोग बड़े उत्साह के साथ सोनपान देकर गौरान्वित महशुस करते है।