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पर्यावरण : मनियारी नदी बना हरा मैदान !  गंदगी में पनप रही जिंदगी…

हरिपथलोरमी– (पर्यावरण विशेष) नगर की मुख्य नदी जीवनदायानी मनियारी भीषण गर्मी के चलते जलस्तर गिर गया है, नदी में निर्मित स्टाप डेम बनने के बाद नगर के गन्दी नालियों का दूषित जल जमाव के ऊपर नदी हराभरा मैदान दिखने वाले जलकुंभीयों से पक्षियों के लिए जिंदगी पनप रही है। जलजमाव से दुरस्त क्षेत्र के वाटर लेबल को सन्तुलन जरूर मिल रहा लेकिन दूषित जल जमाव से आसपडोस बदबू एवं गंदगी  से परेसान है। इससे पर्यावरण पर भी असर पड़ रहा है।

नदी के ऊपरी हिस्से में जलदोहन को रोकथाम के उपाय नही होने से नदी की धारा एक तरह से आगे बढ़ नही पा रही  है,इससे छोटी पुलिया तक सीमित हो गई है। अलबत्ता नगर के मुख्य मुक्तिधाम के पास निर्मित स्टाप डेम में नगर अधिकतर गन्दी  नालियों से हजारो लीटर मानव उपयोग  दूषित जल जमाव से मनियारी स्टाप डेम तक सिमट गई है। इससे पर्यावरण पर प्रभाव तो पड़ रहा है,पर विचार नही हो रहा है।प्रसासन स्तर पर सालो से साफ सफाई तो दूर जलकुम्भी को हटाने प्रयास नही किया गया। इससे मनियारी नदी का जल अस्तित्व में बड़ा खतरा नजर आ रहा है। 

जलकुंभी में पनप रही जिंदगी– बड़ी पुल से मनियारी नदी जलजमाव से जलकुंभी से नदी एक तरह से हराभरा मैदान की तरह नजर आ रही है,एक बानगी लोग हरा भरा देखकर नयन सुख लेकर आगे बढ़ जाते है। जलकुंभी एवं दूषित पानी से पक्षियों की जिंदगियां पनप रही है,सुबह सैकड़ो छोटा बगुला कहे जाने वाले अपना आहार के लिए जलकुंभी में नजर आते है,जलकुंभी पक्षियों के लिए जहाँ वरदान साबित हो रही है,तो दूसरी तरफ मानव के लिये अनुपयोगी सिद्ध हो रही है। लोग लगातार नदी में गन्दगी फैलाने एवँ चिकन का अवशेष को डालने से जल दूषित हो रहा हैं। नदी में बैठे गाद को हटाने की भी आवश्यक है,जिससे नदी गहराई से जल स्वच्छ रहे।

मनियारी नदी में साफ सफाई के जरिये अस्तित्व को बचाने सभी आम लोगो को नैतिक जिम्मेदारी से जलजीवन को सुरक्षित करने आगे आना होगा, तो दूसरी तरफ दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ श्रम दान से स्वच्छ किया जा सकता है। 

नदी के बगल में रहने वाले निवासी हेमलता खत्री ने बताया कि नदी के बगल में  घर के बोर का पेयजल बेहद दूषित है,जिसका रंग भी काला है,जिसको पीने से हम नलोग बीमार पड़ गए थे,अब बाहर से पेयजल उपयोग करते है,बदबू से बैठना दूभर हो जाता हैं। प्रशासन से अपील करती हूँ, जल्द ही नदी की सफाई कराकर पानी स्वच्छ कराये एवं नदी में गन्दगी फेंकने वाले को रोकथाम कें उपाय करें।

वार्ड 14 पार्षद सोहन डड़सेना ने कहा कि नगर पालिका को नदी में मुर्गा के अपशिष्ट पदार्थ डालने वाले को रोकने एवँ उनकी वैकल्पिक व्यवस्था ,स्वच्छता के लिये जागरूकता की आवश्यकता है।

नगरपालिका अध्यक्ष सुजीत वर्मा ने कहा कि नदी को जलकुंभी मुक्त करने मशीन से सफाई कराने योजना है। जल्द ही इस पर बैठक कर लोगो की सहायता से स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा।

मनमोहन दास वैष्णव पेड़ नही हम प्राण लगाबो के मुखिया ने बताया कि पर्यावरण सुधार लाखो सरंक्षित पौधों को देश के विभिन्न हिस्सों में लगाया गया। मनियारी नदी को दूषित जल से मुक्ति दिलाने एवं गन्दगी के लिए अभियान के साथ जागरूकता की आवश्यकता है।

एसडीएम अजीत पुजारी ने कहा की इस पर शासन ने ट्रीटमेंट प्लांट की योजना है,वर्तमान स्थिति को देखते हुये जल्द ही बैठक लेकर स्थानीय एनजीओ स्वच्छता अभियान एवं नदी में गंदगी को रोकने प्रयास किया जायेगा।

पूर्व नप अध्यक्ष मनीष त्रिपाठी ने कहा प्राकृतिक संसाधनों पर शासन का ध्यान नही  है,शहर के विभिन्न वार्डो के गन्दा  दूषित जल नदी में प्रवाहित हो रही है। शासन पर्यावरण संरक्षन के लिए नालियों के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर शुद्धि करण से निर्मल करे। जागरूकता की नृत्तान्त आवश्यकता है।

शरद कुमार डड़सेना
पर्यावरण प्रेमी एवं मुक्तिधाम टीम के मुखिया ने कहा मनियारी नदी को प्रदूषण से बचने के लिए प्रशासनिक योगदान के साथ-साथ जन सहयोग भी जरूरी है। पिछले 10 सालों में यह नदी बहुत ज्यादा प्रदूषित हुई है। लोगों के द्वारा नदी में कचरा फेंकने से भी नदी प्रदूषित हो रही है मनियारी के अस्तित्व को बचाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

अधिवक्ता रवि शर्मा ने कहा मनियारी में रिव्हर फ्रंट की आवश्यकता है,साथ ही जागरूक के आभव में नदी में गन्दगी फैल रही है। जल्द ही इस पर स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा।

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