लोरमी

श्रीमद्भागवत कथा इतिहास का बखान करने वाला सबसे उन्नत ग्रंथ में से एक- आचार्य झम्मन शास्त्री

हरिपथ ◆ लोरमी ◆ 18 जून ग्राम मसनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा से प्रदेश के प्रखर कथा वाचक आचार्य झम्मन शास्त्री द्वारा सुमधुर संगीतमय कथा वाचन किया जा रहा है।

आचार्य झम्मन प्रसाद शास्त्री ने कथा के सातवे दिन की कथा प्रसंग सुनाते हुए आचार्य ने कहा कि भागवत कथा इतिहास का बखान करने वाला सबसे उन्नत ग्रंथ है । आज देश की सुरक्षा के लिए सेना पर करोड़ों रूपए खर्च किये जाते है । जबकि श्री राम चन्द्र जी की सेना मे शामिल सैनिको ने भावनात्मक रूप से जुड़कर लंका जीत लिया । संस्कार और वचनों का क्रियान्वयन की सीख महाराज दशरथ से लेनी चाहिए, जिन्होंने राजा जनक के भेजे गये दहेज को उस युग मे भी गलत मानकर स्वीकार नहीं किया। सोने से पहले यदि मोबाइल छोड़कर भगवान को पकड़ लिया जाये तो अच्छी नींद आयेगी , बुरे सपने परेशान नही करेगे भगवान को भोग और तुलसीदल चढाने में भी लोग कतराते है। यही कारण है की उनके बच्चे दूध मख्खन, रबडी जैसे प्राकृतिक चीजों का स्वाद नही जानतें तो जब तक बच्चों को संस्कार नही देंगे संसार का आकार बदलता रहेगा तकलीफें बढती रहेगी। उन्होंने ने कहा कि लोगों का हित करने वाला व सोंचने वाला ही सच्चा राजनीतिज्ञ होता है। लेकिन आज राजनीति दूषित हो चुकी है। कतिपय राजनेता ऐसों आराम से रहते है ,और जनता तकलीफ मे रहती है ।

इस अवसर पर आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा के प्रांतीय संगठन महासचिव राकेश तिवारी ने कहा जो संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञवण करने ग्राम मसना का शुद्धिकरण होता है। इससे सारे संशय दूर होते हैं तथा शांति व मुक्ति मिलती है। इसके श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक पंडित रामनारायण पाठक पंडित मणि कांत पाठक अनिरूद्ध पाठक, आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा के प्रांतीय संगठन महासचिव राकेश तिवारी, अभिजीत तिवारी, मुकुल तिवारी, महेंद्र द्विवेदी, नरेश दुबे, नूतन दुबे , धनंजय दुबे, आर्यन चौबे , पं. सुर्या पाठक, पं. श्रीकांत पाठक, पं. कान्हा पाठक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहें।

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