हरिपथ–लोरमी-(विशेष खबर)28 अगस्त वनांचल के ग्राम छिरहटटा, बिररापानी,रंजकी वर्षा ऋतु में चार महीने मुख्यालय से कटे रहते है! बैगा बाहुल्य क्षेत्र भौतिक संसाधन से वंचित है। वर्षाकाल में चार महीने पंचायत से मुख्यालय के अलावा ब्लाक से सड़क सम्पर्क कट जाता है। रोजमर्रा के जीवन मे उपयोग होने वाली वस्तुओं के खरीदने 8 से 12 किलोमीटर पैदल ही विकल्प है। ब्लाक मुख्यालय की दूरी 102 किलोमीटर सफर तय करना पड़ता है।
हाइटेक जमाने मे आज भी ऐसे ग्राम है,जहाँ लोगो को आवागमन के साधन सड़क सुविधा नही होने से राष्ट्रपति के दत्तक सन्तानो को नारकीय जीवन जीने विवशता है। सड़क, बिजली,शुद्ध पेयजल सहित अन्य आवश्यक सुविधाओ से लगभग वंचित है?
छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश बॉर्डर क्षेत्र ग्राम पंचायत लमनी पंचायत की ब्लाक मुख्यालय की दूरी 90 किलोमीटर है,इनको बॉरिस में जंगल के रास्ते बंद हो जाने से लमनी से छपरवा गोबरिपाट (कोटा)होकर लोरमी पहुँचते है।
लमनी पंचायत में पांच आश्रित ग्राम है,जिनमे बिरारपानी 12 किलोमीटर एवं छिरहटटा की दूरी 8 किलोमीटर एवं रंजकी की दूरी 8 किलोमीटर है। ये तीनो ग्राम एटीआर के बीहड़ में बसे है,जो कि बारिस के दिनों सिर्फ पैदल ही पहुँचा जा सकता है! दो पहिया या चार पहिया वाहन बड़ी चुनौती से कम नही होगा। लमनी से ब्लाक मुख्यालय की दूरी 90 किलोमीटर है। जिला में 27 और जोड़ दिया जाए तो 117 किलोमीटर सफर तय कर शासकीय काम के लिए आना पड़ेगा।
वर्षाकाल में कोई बीमार हो जाए तो खाट से लमनी लेकर आना पड़ता है।जहाँ से इनको एम्बुलेंस सुविधा मिलेगी।
बिरारपानी में 25 परिवार राशन कार्डधारी है, कुल 103 जनसँख्या है। यहाँ कुल तीन हितग्राहियों को पेंशनधारी है। प्राथमिक शाला की सुविधा है। जिनमे बैगा परिवार कुछ ही बच्चे पढ़ते है। दो नलकूप जिसमे एक मे नलजल योजना से पेयजल सुविधा मिलाता तो है, लेकिन ठीक से काम नही करता है। ग्रामीण यहाँ कुआँ से पेयजल का स्तेमाल करते है।
छिरहटटा-में 24 परिवार राशनकार्ड धारी एवं 98 जनसँख्या है,एक भी परिवार को पेंशन नही मिलता है। यहाँ सिर्फ आंगनबॉडी संचालित होती ओ भी कार्यकर्ता के स्वयं के घर मे या पड़ोसियों के यहाँ से चलना मजबूरी है। पेयजल के नाम पर 3 नलकूप जिसमे एक बिगड़ा है। एक हैंडपंप नल जल से संचालित लेकिन ठीक काम नही करता है।
रंजकी-में 523 जनसँख्या है,जिसमे 88 परिवार को राशनकार्डधारी है। महज लगभग 15 हितग्राही पेंशनधारी है। 4 हैंडपंप है,जिसमे एक बंद है।
जनमन क्या है,ये जानते नही है। सौर ऊर्जा गाँव में कुछ ही घण्टे के लिए रहता है,बाकी समय इनको अंधरे या इन सुविधा के बगैर ही गुजारा करना विवशता है। टीवी मोबाईल इनके लिए एक सपने से कम नही है।
रोजगार के नाम पर जंगलों के बांस से बनने वाली वस्तुएं बनाकर अपनी रोजमर्रा की जरूरत को पूरा करते है। खेत कुछ ही लोगो के पास है,जिससे ज्वार, बाजरा या धान की खेती से काम चलाते है। कागजो में इन ग्रामो को विस्थापन लटके है,जिसको लेकर ये शिकायत भी नही करते है।
सरपंच लमनी खुशबू अग्रवाल ने बताया कि बारिश के चार महीने में बिरारपानी, छिरहट्ट एवं रजंकी पंचायत मुख्यालय से कट जाता है,पैदल चलना दूभर है। बॉरिस में रोजगार मूलक काम नही है। संरक्षित क्षेत्र होने के कारण पीएम आवास से वंचित है। विस्थापन कार्य नही होने से ग्रामीण आशियाना नही बना पा रहें है।
जॉइंट कलेक्टर एसडीएम लोरमी अजीत पुजारी ने कहा कि बारिश के दिनों में वनांचल के ग्रामो का मुख्यालय से सम्पर्क नही होने की जानकारी मिली है। वनांचल के ग्रामीणों की समस्याओं के निदान के लिए कार्यवाही किया जायेगा।