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लोरमी बना हाईप्रोफाइल सीट-भाजपा से अरुण साव तो कांगेस से कौन ?

हरिपथलोरमी– 17अक्टूबर प्रदेश में चुनाव बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों के दावेदारों सक्रियता दिल्ली तक देखने को मिल रही है। भाजपा ने सांसद अरुण साव को मैदान में उतारा है। कांगेस के पैनल में कितने नाम जो सोशल मीडिया में सूची वायरल है! इनके सामने कौन होगा लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहें है।

लोरमी से भाजपा के वर्तमान  प्रदेशाध्यक्ष एवं बिलासपुर सांसद अरुण साव घोषित प्रत्याशी है। बतौर प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव लड़ने से लोरमी सीट हाईप्रोफाइल के श्रेणी गिनती होने लगा! प्रदेशभर की नजर इस सीट पर रहेगी। माना जा रहा है,अगर भाजपा की सरकार आई तो उनको बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है? 

गौरतलब है,की भाजपा से बहुत लोगो ने अपनी दावेदारी पार्टी के सामने रखे थे, पर केन्दीय नेतृत्व ने अरुण साव पर भरोसा जताकर मजबूत उम्मीदवार खड़ाकर इस सीट विपक्ष के लिये बड़ी चुनौती सामने खड़ा कर दिया है।

उनके टिकट मिलने से कार्यकर्ता एवं टिकट मांगे वालों के बीच सार्थक एवं सामंजस्य स्थापित बतौर विकल्प के तौर भी देखा जा रहा है! Bjp के सूची आने के बाद अभीतक पार्टी के किसी सदस्य का विरोध की स्वर खुलकर सामने  स्थानीय स्तर पर फिलहाल नही आया है। असन्तुष्ट टिकटार्थियों का बगावती तेवर नामांकन के समय देखने को मिल सकता है? जो प्रायः सभी दलों में देखा जाता है।

Bjp फार्मूला-सामान्य सीट पर पिछड़ा वर्ग का दबदबा- 1993  राज्य बनने से पहले लोरमी- पंडरिया सीट होता था,1993 से लेकर 2023 तक पार्टी ने साहू उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। जाहिर तौर वे लोग ही ज्यादा संख्या में टिकट के दावेदार सामने आए थे ? जिसमें पार्टी को दो बार ही विधानसभा में पहुचने में सफलता मिली है। रिजल्ट अपोजिट में सामान्य वर्ग से 20 वर्ष से एक ही व्यक्ति जीत हासिल किया। क्या इस बार सफलता bjp को मिलेगी यह क्षेत्र की लोग तय करेंगे ! 

भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए कड़ी चुनौती से कम नही !  क्योंकि प्रतयाशी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष है,तो उनको जिताने का जिम्मा भी कार्यकर्ताओं के उपर भी दबाव होगा ? अपने क्षेत्र में दौरा के अलावा पूरे प्रदेश में प्रचार की  जिम्मेदारी अरुण साव के कंधे पर होगी। ऐसे में कम समय मे इतने बड़े विधनसभा में वनक्षेत्र से निचले स्तर तक गाँव 2 मे पहुँचना व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है !

 मैं नही तो कौन ? – कागेस के सामने  इस बार स्थानीय प्रात्याशी मांग जोरो पर है? लोकल मुद्दे के साथ विभिन्न कठिन परिस्थितिया भी  है! जो सभी पार्टियों में देखने को मिलता है। क्षेत्र से लगभग 39 लोगो ने पार्टी से दावेदारी पेश  किये  है। इसलिए पार्टी के सामने विकल्प के तौर पर बहुत से चेहरे सामने है। भाजपा के दिग्गज चेहरे चुनाव लड़ने से अगर कांगेस किसी अप्रत्याशित चर्चित उम्मीदवार को टिकट देकर सभी चौका सकती है?

सत्ताधारी दल का अभी पुरे प्रदेश में 30 प्रत्याशी की सूची अधिकृत रूप से सामने आई है। क्षेत्र से सोशल मीडिया में वायरल लिस्ट बहुत सारे है! जो चीखकर बोल रहे है, मैं नही तो कौन ?

दोनो मुख्य दल के सामने- जेसीसीजे, आम आदमी पार्टी,बसपा जैसे पार्टी सामने होगी। क्षेत्र में jccj चुनौती से कम नही होगा क्योंकि पिछला 2018 का चुनाव जेसीसीजे से धर्मजीत जीत दर्ज हुआ था। अब परिस्थितिया बदल चुकी है। क्योकि वे दूसरे सीट से चुनाव लड़ रहें है।

2023 के विधानसभा चुनाव में jccj पार्टी से नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मनीष त्रिपाठी मुख्य दावेदार के रूप में सामने आए है! जो जेसीसीजे पार्टी के विधानसभा प्रभारी भी है। वे लोगो के बीच मजबूत पकड़ बनाने ग्रामीण अंचल में सक्रियता बनाये रखने में पार्टी के तरफ से बड़ी भूमिका में है।

कांगेस के साथ अन्य दलों के प्रत्याशी की सूची सामने नही आई है। जल्द ही उनके भी उम्मीदवारों की सूची सामने आयेगी। जिसके बाद क्षेत्र में रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा! 

प्रदेश में दो चरण में चुनाव सम्पन्न होंगे  , 7 व 17 नवंबर को मतदान होंगे। पहले चरण में 20 सीट एवं दुसरे में 70 सीट पर चुनाव सपन्न होगा। जिसका रिजल्ट 3 दिसम्बर को आयेगा। क्षेत्र में लगभग 227741 मतदाता है,जिसमें लगभग 125735 पुरुष एवं लगभग 112000 महिला मतदाता है! ये प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला तय करेंगे! 

गौरतलब है कि जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 05 लाख 85 हजार 274 है, जिसमें पुरूष मतदाता 02 लाख 97 हजार 475 और महिला मतदाता 02 लाख 87 हजार 779 शामिल है। चिन्हांकित दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 05 हजार 738 है। 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 20 हजार 75 है। 80 से वर्ष से अधिक उम्र से अधिक के मतदाताओं की संख्या 09 हजार 532 तथा सेवा मतदाताओं की संख्या 188 है।

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